Youngest Male Judge: 16 साल के हेनरी बकलै बने अमेरिका के सबसे कम उम्र के जज, युवाओं के लिए पेश की मिसाल

Youngest Male Judge: हेनरी के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. हाई स्कूल के छात्र हेनरी का पब्लिक सर्विस के प्रति रूझान बचपन से था. उनके सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत उनके दादा थे, जो एक मशहूर वकील थे. इसके अलावा अमेरिकी टीवी शो 'द एंडी ग्रिफिथ शो' के किरदार एंडी टेलर से भी उन्होंने प्रेरणा ली. 

Henry Buckley from Massachusetts became the youngest male judge
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 04 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST
  • जस्टिस ऑफ द पीस बनने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं
  • हेनरी के पास थीं ये जिम्मेदारियां

मसाचुसेट्स के हिनघम शहर के 16 साल के हेनरी बकलै ने अमेरिका के सबसे कम उम्र के पुरुष जस्टिस ऑफ द पीस बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. 16 साल और तीन दिन की उम्र में उन्होंने शपथ ग्रहण की और अब वे कई बड़े अधिकारियों के साथ काम संभाल रहे हैं. इस उपलब्धि को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है.

पब्लिक सर्विस के प्रति था रूझान
हेनरी के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. हाई स्कूल के छात्र हेनरी का पब्लिक सर्विस के प्रति रूझान बचपन से था. उनके सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत उनके दादा थे, जो एक मशहूर वकील थे. इसके अलावा अमेरिकी टीवी शो 'द एंडी ग्रिफिथ शो' के किरदार एंडी टेलर से भी उन्होंने प्रेरणा ली. 

जस्टिस ऑफ द पीस बनने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं
आपको बता दें, मसाचुसेट्स में जस्टिस ऑफ द पीस बनने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है. बस आवेदक को पंजीकृत मतदाता और मसाचुसेट्स का निवासी होना जरूरी है. हेनरी ने चार सिफारिशी पत्रों के साथ आवेदन दिया और स्थानीय समुदाय के एक सदस्य का रेफरेंस लेटर भी जमा किया. इसके बाद गवर्नर माओरा टी. हीली ने उनका नामांकन देखा और गवर्नर की काउंसिल ने भी उन्हें सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी.

हेनरी के पास थीं ये जिम्मेदारियां
जस्टिस ऑफ द पीस के रूप में हेनरी के पास कई जिम्मेदारियां थीं, जैसे कागजातों पर नोटरी कराना, शादी संपन्न कराना, और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना. हेनरी ने कभी गिरफ्तारी या अपराध सुनवाई का काम नहीं किया, लेकिन कानूनी तौर पर उनके पास ये अधिकार भी था.

वकील बनना चाहते हैं हेनरी
हेनरी ने युवाओं के मतदान अधिकार और मानसिक स्वास्थ्य सुधार के मुद्दों पर मैसाचुसेट्स विधानसभा में अपनी बात भी रखी. फरवरी में हेनरी ने इस पद से इस्तीफा दे दिया ताकि वे दूसरे काम कर सकें. भविष्य में उनका सपना लॉ स्कूल जाकर वकील बनना है.

हेनरी का मानना है कि जस्टिस ऑफ द पीस बनना समुदाय में नेतृत्व की भूमिका निभाने जैसा है, जो बदलाव लाने की ताकत देता है. उन्होंने कहा, "हम युवा पीढ़ी यह साबित कर सकते हैं कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं." हेनरी बकलै की ये कहानी हमें बताती है कि अगर जुनून और मेहनत हो तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती.

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