जापान में बढ़ रही बुजुर्गों की आबादी...अब टोक्यो छोड़ने पर सरकार देगी 10 लाख येन, जानिए क्या है पूरा मामला?

कई स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जापान ने देश के अन्य क्षेत्रों में आबादी को कम करने के लिए राजधानी से दूर जाने के लिए परिवारों को वित्तीय सहायता बढ़ाने की योजना बनाई है. अगर युवा माता-पिता टोक्यो के अलावा कहीं और जाकर बसते हैं तो उन्हें हर बच्चे के लिए 10 लाख येन मिलेगा.

Japan (Representative image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

जापान सरकार ने राजधानी की आबादी कम करने के लिए दिलचस्प तरीका निकाला है. जापान सरकार ने घोषणा की है कि जो परिवार टोक्यो छोड़कर कहीं और जाते हैं उन परिवारों को प्रति बच्चा दस लाख येन दिया जाएगा. कई स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जापान ने देश के अन्य क्षेत्रों में आबादी को कम करने के लिए राजधानी से दूर जाने के लिए परिवारों को वित्तीय सहायता बढ़ाने की योजना बनाई है.

बढ़ा दी रकम
वित्तीय प्रोत्साहन उन चुनौतियों को उजागर करते हैं जिनका जापान अपनी कम जन्म दर और लंबी जीवन प्रत्याशा (long life expectancy)के साथ सामना कर रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से जनसंख्या की कमी देखी गई  क्योंकि युवा शहरों में अवसरों के लिए दूर चले जाते हैं. सरकार का कहना है कि अगर युवा माता-पिता टोक्यो के अलावा कहीं और जाकर बसते हैं तो उन्हें हर बच्चे के लिए 10 लाख येन यानी 636947.24 रुपये दिए जाएंगे. पहले यह रकम 3 लाख येन थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है.

काम वैसे ही जारी रख सकते हैं
जापान की राष्ट्रीय सरकार ने 2019 में क्षेत्रीय क्षेत्रों में लोगों को आकर्षित करने की पहल शुरू की, जो उन परिवारों को अनुमति देता है जो मध्य टोक्यो महानगरीय क्षेत्र में पांच साल से रह रहे हैं, और अगर वो वहां से हटके जापान के किसी और क्षेत्र में कहीं जाते हैं तो वे सहायता राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं. परिवार अपनी वर्तमान नौकरी पर दूरस्थ रूप से काम करना जारी रख सकते हैं. स्थानीय छोटे या मध्यम आकार के व्यवसाय में काम कर सकते हैं, या स्थानीय क्षेत्र में व्यवसाय शुरू कर सकते हैं जो उन्हें और भी अधिक वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा.

Nikkei के अनुसार, इस योजना ने 2021 में 1,184 घरेलू प्रतिभागियों को देखा, जबकि जब इसे लॉन्च किया गया था तब पहले साल 71 प्रतिभागी ही टोक्यो से हटने के लिए राजी हुए थे.टोक्यो दुनिया का सबसे बड़ा शहर है जहां 3.8 करोड़ की आबादी है. जापान की ऐसी ही एक योजना रिलोकेशन के लिए भी है. इसमें सरकार हर बच्चे के हिसाब से 3 लाख येन की मदद दे रही थी. साथ ही शहर छोड़कर जाने वालों को रोजगार जमाने के लिए आर्थिक मदद भी दी जा रही थी. लेकिन सरकार की यह योजना ज्यादा कामयाब नहीं हो पाई. साल 2021 में सिर्फ 2400 लोगों ने इस स्कीम को लिया यानि टोक्यो की कुल आबादी का सिर्फ 0.006 प्रतिशत.

क्यों किया जा रहा ऐसा?
यह प्रोत्साहन 2019 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य लोगों को उन क्षेत्रों में जाने के लिए प्रोत्साहित करना है जहां जन्म दर गिर रही है और जनसंख्या बूढ़ी हो रही है. सरकार ने इसके लिए कई क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ लेने वालों में शामिल किया है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जापान में 65 से ज्यादा उम्र वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और बच्चे कम हो रहे हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है.

 

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