जापान में कई लोग महिलाओं की प्रेगनेंसी को लेकर चिंता में हैं. 2005 में पैदा हुई महिलाओं में कई ऐसी हैं जो पूरे जीवनकाल में बच्चे पैदा नहीं करेंगी. इस बात को लेकर जापान सरकार देश के सोशल सिक्योरिटी सिस्टम को लेकर चिंता में है. निक्की न्यूजपेपर के मुताबिक, करीब 42 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो मां नहीं बनेंगी.
पुरुषों को लेकर भी है समान मुद्दा
अलग-अलग परिदृश्यों में 2005 में जन्मी महिलाओं को इस रिसर्च में रखा गया है. 42% महिलाएं मां नहीं बनेंगी. यह प्रवृत्ति पुरुषों के लिए भी समान है, 18 साल के लगभग आधे पुरुषों के निःसंतान रहने का अनुमान है.
हालांकि, जिन देशों में ये परेशानी देखी जा रही है उनमें जापान अकेला नहीं है. अमेरिका और यूरोप जैसी दूसरी विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी इसी तरह के बदलाव का अनुभव कर रही हैं.
क्या है इसका कारण
इसका कारण बदलते मूल्यों को बताया जा रहा है, जहां लोग माता-पिता बनने के बजाय व्यक्तिगत संतुष्टि को प्राथमिकता देते हैं. उदाहरण के लिए, यू.एस., यू.के. और जर्मनी में, 1970 में जन्मी लगभग 10% से 20% महिलाओं के बच्चे नहीं थे. हालांकि, जापान का आंकड़ा 27% से अधिक है. अगर रुझान ऐसा ही रहा तो संभावित रूप से ये दरें दोगुनी हो जाएंगी.
गौरतलब है कि जहां कुछ देशों में काम और अपनी जिंदगी के बीच संतुलन में सुधार के कारण बच्चे पैदा न करने की प्रवृत्ति में बदलाव देखा जा रहा है, तो वहीं जापान को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. एक स्टेबल सैलरी और अनिश्चित भविष्य के कारण युवाओं के लिए विवाह और माता-पिता बनने का आकर्षण कम हो गया है. ऐसे में जापान में लोग माता-पिता बनने की ओर बढ़ें इसके लिए अलग-अलग प्रयास भी किए जा रहे हैं.
दरअसल, जापान बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ घटती जन्म दर की समस्या का सामना कर रहा है. यह उस समाज के लिए एक चुनौती है जो परंपरागत रूप से परिवार के समर्थन पर निर्भर है.