AI Goddess Maju: मलेशिया का चमत्कारिक मंदिर! यहां देवी करती हैं बात और देती हैं आशीर्वाद

अब AI धर्म और आध्यात्म की दुनिया में भी कदम रख रहा है. इसका एक उदाहरण मलेशिया में देखने को मिल रहा है.

AI Goddess Mazu (Photo: X)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हेल्थ से लेकर मनोरंजन तक हर चीज को बदल दिया है. और अब AI धर्म और आध्यात्म की दुनिया में भी कदम रख रहा है. इसका एक उदाहरण मलेशिया में देखने को मिल रहा है. मलेशिया के तियानहो मंदिर ने एक अनोखी पहल की है. 

इस मंदिर में दुनिया की पहली AI से चलने वाली माजू देवी की मूर्ति पेश की गई है. यह तकनीक और परंपरा का अनोखा मेल है, जहां भक्त अब समुद्र की रक्षक देवी माजू के डिजिटल रूप से बातचीज कर सकते हैं, उनसे आशीर्वाद ले सकते हैं और सलाह भी पा सकते हैं. 

कौन हैं AI माजू देवी?
AI माजू एक स्क्रीन पर दिखने वाली देवी का डिजिटल रूप है. भक्त उनसे रियल टाइम में बातचीत कर सकते हैं, जैसे जीवन से जुड़ी सलाह लेना, भविष्य के बारे में जानना, या किसी समस्या का हल पूछना. यह AI सिस्टम इस तरह से बनाया गया है कि देवी की तरह शांत, संवेदनशील और स्नेहपूर्ण जवाब दे. जैसे कि एक महिला ने इस AI देवी से पूछा कि क्या उन्हें अचानक कोई धन लाभ होगा? AI माजू ने सुझाव दिया कि अगर वह घर पर ही रहेंगी तो उनके भाग्य खुल सकते हैं.

एक और भक्त ने नींद न आने की शिकायत की, तो AI माजू ने गुनगुना पानी पीने की सलाह दी. आपको बता दें कि इस तकनीक को Aimazin नामक एक टेक कंपनी ने तैयार किया है. दिलचस्प बात है कि यह पहल देवी माजू के जन्म की 1,065वीं वर्षगांठ के मौके पर की गई है. देवी माजू का जन्म 10वीं सदी में चीन के फ़ुजियान प्रांत में हुआ था और उन्हें नाविकों और समुद्री यात्रियों की रक्षक के रूप में पूजा जाता है. 

अब मंदिर जाना ज़रूरी नहीं
अब भक्तों को मंदिर जाने की जरूरत नहीं है. AI माजू कहीं से भी उपलब्ध है, यानी मोबाइल या कंप्यूटर से भी भक्त उनसे आशीर्वाद और मार्गदर्शन पा सकते हैं. यह एक तरह से देवी की शक्ति को डिजिटल युग में और ज्यादा एक्सेसेबल बना रहा है. हालांकि, अब सवाल है कि क्या AI से सच्चा धार्मिक अनुभव मिल सकता है? इसका उद्देश्य परंपरागत पूजा को बदलना नहीं, बल्कि उसे और अधिक व्यक्तिगत और आधुनिक बनाना है. AI माजू एक ऐसी कोशिश है जो सदियों पुरानी आस्था को आज की तकनीक के साथ जोड़ रही है.

 

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