Zaanse Schans: अपनी सालों पुरानी विंडमिल्स के लिए फेमस है एम्स्टर्डम के पास बसा यह गांव... इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर है वायरल

गर्मियों के खुशनुमा दिनों में ज़ांसे स्कांस में विंड मिल्स के बाहर पर्यटकों की लंबी कतारें लग जाती हैं. लोग पुलों पर भीड़ लगा लेते हैं और इंस्टाग्राम के लिए तस्वीरें खींचने में व्यस्त होते हैं.

Zaanse Schans (Photo: Instagram/@travel.for.sunset)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 08 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST

नीदरलैंड्स आने वाले हर पर्यटक के लिए एक "पिक्चर-परफेक्ट" जगह मानी जाने वाली ज़ांसे शांस, अब ओवरटूरिज़्म (अत्यधिक पर्यटन) की राष्ट्रीय पहचान बन चुकी है. एम्स्टर्डम के पास स्थित इस सुरम्य गांव में अब लोकल प्रशासन टूरिस्ट्स से लगभग 1,500 रुपये की एंट्री शुल्क लेने की योजना बना रहा है. 

पूरी दुनिया में "मास टूरिज़्म" के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है और इसी को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है. जैसे इटली का वेनिस अब दिनभर घूमने आने वाले पर्यटकों से शुल्क ले रहा है.

लगातार बढ़ रही है भीड़
गर्मियों के खुशनुमा दिनों में ज़ांसे स्कांस में विंड मिल्स के बाहर पर्यटकों की लंबी कतारें लग जाती हैं. लोग पुलों पर भीड़ लगा लेते हैं और इंस्टाग्राम के लिए तस्वीरें खींचने में व्यस्त होते हैं. हर दिन बसों से हजारों पर्यटक यहां पहुंचते हैं. यह अब तक एक मुफ्त और सार्वजनिक स्थल रहा है. 

विरासत को बचाने के लिए जरूरी है शुल्क: प्रशासन
ज़ानस्टाड काउंसिल का कहना है कि बढ़ती भीड़ की वजह से इस ऐतिहासिक विरासत पर “गंभीर दबाव” पड़ रहा है, जिसे बनाए रखने के लिए पैसे की जरूरत है. बीते कई सालों से ज़ांसे स्कांस, ओवरटूरिज़्म का प्रतीक बन चुका है. 

साल 2023 में लगभग 26 लाख पर्यटक यहां आए, और अगर कुछ नहीं किया गया, तो यह संख्या जल्द ही 30 लाख तक पहुंच सकती है. काउंसिल का मानना है कि एंट्री फीस लगने से यह संख्या घटकर 18 लाख रह सकती है, और इसी से संरक्षण के लिए करोड़ों यूरो की आय हो सकती है.

कैसे बना विंडमिल विलेज 
दूसरे विश्व युद्ध के बाद यहां के पारंपरिक लकड़ी के घरों का अस्तित्व खतरे में था. ऐसे में ज़ांसे स्कांस को संरक्षित करने के लिए 1950 के दशक में स्थानीय मेयर जोरिस इन 'ट वेल्ड ने इन घरों को हटाकर एक नई जगह बसाने का विचार रखा. यहां पहली विंडमिल 1955 में यहां लाई गई, और कुछ सालों बाद पहला घर बना. 1972 में इसे रानी जुलियाना ने आधिकारिक रूप से उद्घाटित किया. ज़ांसे स्कांस कभी भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए तैयार नहीं किया गया था. लेकिन अब यह हॉटस्पॉट है. 

एंट्री फीस लगाने का हो रहा विरोध 
प्रशासन के एंट्री फीस लगाने के फैसले का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. उनके हिसाब से प्रवेश शुल्क स्थानीय लोगों और व्यवसायों के लिए नुकसानदायक साबित होगा. यहां की ज़्यादातर स्थानीय अर्थव्यवस्था करीब 80 प्रतिशत पर्यटन पर निर्भर है.

अगर टूरिस्ट पार्किंग समेत करीब 80 यूरो एंट्री फीस पर खर्च करेगा तो वे लोकल दुकानों से कुछ ज्यादा नहीं खरीदेंगे. इसलिए इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्थानीय निवासियों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा और पूरे क्षेत्र को किसी बाड़ से घेरा नहीं जाएगा. 

पर्यटकों की भी मिली-जुली प्रतिक्रिया
ज्यादातर पर्यटकों ने कहा कि शुल्क लगने के बावजूद यह स्थल देखने लायक है. यह जगह बहुत सुंदर है, लेकिन कभी-कभी भीड़ इतनी होती है कि लोग पूरी तरह से आनंद नहीं ले पाते. बहुत से लोग पर्यटकों की संख्या घटाने के लिए शुल्क को सपोर्ट कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह अच्छा है ताकि लोगों का आगमन थोड़ा संतुलित हो. 

-------------End---------------------

 

Read more!

RECOMMENDED