खजूर के पेड़ पर उगने वाला फल, उसका फूल, उसके पत्ते और यहां तक कि उसकी छाल को भी खाने-पकाने में इस्तेमाल किया जाता है. पारंपरिक रूप से यह पेड़ बहुत काम का रहा है. लेकिन संयुक्त अरब अमीरात की एक आंत्रेप्रेन्योर नूरा अल मज़रूई को खयाल आया कि इस पेड़ का एक हिस्सा अब भी ज़ाया जा रहा है. यानी खजूर की गुठली. अब उन्होंने खजूर की गुठली का भी इस्तेमाल ढूंढ लिया है. अब वह इस गुठली से ही एनर्जी ड्रिंक से लेकर पेस्ट्री तक बहुत सारी चीज़ें बना रही हैं.
...गुठलियों के दाम
हिन्दी भाषा की कहावत है, "आम के आम, गुठलियों के दाम." मज़रूई ने यह कहावत सच तो की है लेकिन खजूरों के लिए. ख़लीज टाइम्स की एक रिपोर्ट मज़रूई के हवाले से कहती है, "खजूर का पेड़ एक गुठली से शुरू होकर गुठली पर ही खत्म हो जाता है. बचपन में मुझे पेड़ों की देखरेख करना पसंद था. मेरे पिता ने मुझे खजूर के पेड़ों और दूसरे पेड़ों की देखरेख करना सिखाया."
बचपन की वही आदत मज़रूई को खजूर के पेड़ों के बेहद करीब ले आई. जब 1980 के दशक में यूएई के संस्थापक शेख जायद ने नागरिकों को जमीन आवंटित की तो मज़रूई और उनके पति को भी ज़मीन का एक हिस्सा मिला. उन्होंने इस ज़मीन पर खजूर के पेड़ लगाना शुरू किया. हालांकि उन्हें हैरत हुई कि इसकी गुठलियां इस्तेमाल में नहीं आ रही थीं. इस सवाल ने उन्हें नए विचारों के साथ रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करने के लिए प्रेरित किया.
गुठली से बनाना शुरू कीं चीज़ें
मज़रूई ने शुरुआती दिनों में अपना खाली समय खजूर के पत्तों से पारंपरिक सामान बनाने में बिताया. उन्होंने इससे खाना रखने के लिए चटाई, खजूर रखने के लिए टोकरियां और छाते भी बनाए. वह कहती हैं, "मैंने 2004 में लीवा खजूर महोत्सव में भाग लिया. मैं कुछ अनोखा दिखाना चाहती थी. मैंने खजूर की गुठली से खजूर का अचार, काजल, चारकोल और धूपबत्ती बनाई." उन्होंने कई और चीज़ें भी आज़माईं. यहीं से उनका गुठली से खाना बनाने का सफर शुरू हो गया.
जब उन्हें पता चला कि खजूर की गुठली बेकार नहीं है और उसका इस्तेमाल किया जा सकता है तो अल मज़रूई ने सिर्फ़ खजूर की गुठली का इस्तेमाल करके चीज़ें बनाना शुरू कर दिया. उनके आविष्कारों में से एक खजूर की गुठली से बना आटा है, जिसका इस्तेमाल वह पेस्ट्री, पास्ता, क्रैकर्स, बिस्किट, केक और यहां तक कि चावल बनाने में करती हैं. खाने के अलावा उन्होंने कॉफ़ी, चाय, सूप, एनर्जी ड्रिंक और सोडा जैसी कई ड्रिंक्स भी बनाई हैं.
उन्होंने कहा, "जब मैंने ड्रिंक्स को लैब में भेजा तो उन्होंने मुझे बताया कि यह एनर्जी ड्रिंक के तौर पर सफल है." अल मज़रूई खजूर की गुठली का इस्तेमाल कई तरह से करती हैं. वे ऐसे उत्पाद बनाती हैं जो त्वचा की खूबसूरती बढ़ाते हैं. इनमें काजल, बॉडी स्क्रब और स्किनकेयर आइटम शामिल हैं. अल मज़रूई ने बताया, "मेरा काम प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना उप-उत्पादों को भोजन, दवा, देखभाल उत्पादों और ड्रिंक्स में बदलने पर केंद्रित है."
बेहद आसान है प्रोसेस
अपने प्रोडक्ट बनाने के लिए अल मज़रूई सबसे पहले जान-पहचान की जगह से गुठलियां इकट्ठा करती हैं. गुठली को धोने, उबालने और सुखाने के बाद वह उन्हें दो चरणों में पीसती हैं ताकि उनका अच्छी तरह पाउडर बन जाए. इसके बाद पाउडर को लैब में भेजा जाता है ताकि उसकी टेस्टिंग की जा सके. गुठली से प्रोडक्ट्स बनाने की सिर्फ प्रक्रिया ही खास नहीं है, बल्कि यह बात भी खास है कि गुठली फाइबर, मिनरल और एंटी-ऑक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत है.
अल-मज़रूई का मानना है कि बेकार जाने वाली चीज़ों को उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करके अर्थव्यवस्था को लाभ होता है. एक बार जब गुठलियों का आटा पहली बार लैब से पास होकर आ गया तो उन्होंने इसे पास्ता, कॉफी और चाय में थोड़ी मात्रा में शामिल किया. उन्होंने इन उत्पादों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लैब में भेजा. उन्होंने कहा, "मैं लोगों को तब तक कुछ नहीं देती जब तक मुझे पता न हो कि यह सुरक्षित है."
लोगों के लिए बनना चाहती हैं प्रेरणा
जैसे-जैसे अल मज़रूई की रेसिपी सफल होती गई, वह पूरे प्रोसेस को लिखती गईं. अल मज़रूई बताती हैं, "मैं यह सब ट्रैक करना चाहती थी और शायद एक दिन इसे साझा करना चाहती थी." जब वह प्रदर्शनियों में भाग लेती हैं और उन्हें बड़ी मात्रा में उत्पादों की जरूरत होती है तो वह उन्हें बनाने के लिए कारखानों के साथ सहयोग करती हैं. फिलहाल अल मज़रूई के किचन में मौजूद चीज़ें बड़े कंसाइनमेंट के लिए काफ़ी नहीं.
उनको उम्मीद है कि उनका काम भविष्य में बच्चों को शिक्षित कर सकता है. वह कहती हैं, "सब कुछ पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे रहा है. यह खजूर के पेड़ की विरासत को भी बचा रहा है. यह सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं है बल्कि हमारे देश, हमारी ज़मीन और भावी पीढ़ियों की तरक्की भी दिखाता है."