Sea Turtle Model: क्या है चीन का सी 'सी टर्टल' मॉडल, जिसकी भारत में हो रही चर्चा

चीन की सरकार ने विदेशों में जॉब करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए ऐसी पॉलिसी बनाई, जिसकी वजह से दूसरे देशों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को अपने देश लौटना बेहतर लगने लगा. इस पॉलिसी के तहत चीनी सरकार ने साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्य (STEM) से जुड़े लोगों को देश में लाने का काम कर रही है.

Tech Professional (Photo/Meta AI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए H1-B वीजा आवेदनों के लिए एक लाख डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपए का शुल्क लगा दिया है. ये नियम 21 सितंबर से लागू हो गया है. इसके लागू होने के बाद से ही भारत में चीन के एक ऐसे मॉडल की खूब चर्चा हो रही है. जिसके जरिए चीन को टेक वर्कर्स को अपने देश में रोकने में सफलता मिली. इतना ही नहीं, पिछले ढाई दशक में हजारों टेक प्रोफेशनल्स चीन भी लौटे हैं. चलिए आपको बताते हैं कि सी टर्टल मॉडल (Sea Turtle Model) क्या है और इसमें चीन ने ऐसा क्या किया कि टेक प्रोफेशनल्स विदेश की बजाय चीन को प्राथमिकता देने लगे.

क्या है चीन का सी टर्टल मॉडल?
चीन में विदेश पढ़कर या जॉब करके लौटने वाले लोगों को सी टर्टल के तौर पर जाना जाता है. ये एक ऐसा मॉडल है, जिसे सरकार से प्रोत्साहन मिलता है. ये वो लोग हैं, जो विदेशों में अच्छी सैलरी वाली नौकरी करते थे, लेकिन बाद में उसे छोड़कर चीन लौटना बेहतर समझा. पिछले ढाई दशक में हजारों स्टूडेंट्स और टेक प्रोफेशनल्स चीन लौटे चुके हैं.

चीन ने बनाई अलग पॉलिसी-
चीन की सरकार ने विदेशों में जॉब करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए ऐसी पॉलिसी बनाई, जिसकी वजह से दूसरे देशों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को अपने देश लौटना बेहतर लगने लगा. इस पॉलिसी के तहत चीनी सरकार ने साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्य (STEM) से जुड़े लोगों को देश में लाने का काम कर रही है. जब ये लोग चीन लौटे तो उन्होंने टेक्नोलॉजी सेक्टर की तस्वीर बदल दी. इन लोगों ने बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों बनाई. इससे चीन को काफी फायदा हुआ. इसकी वजह से चीन आज एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है.

पॉलिसी में चीन में क्या सुविधाएं दी-
चीन सरकार ने सी टर्टल मॉडल के तहत कई प्रोग्राम लॉन्च किए. इसके तहत दूसरे देशों से लौटने वाले प्रोफेशनल्स को टैक्स में छूट, घर खरीदने पर सब्सिडी, रिसर्च ग्रांट और आसान वीजा परमिट दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, चीनी सरकार ने दूसरे देशों से लौटने वाले प्रोफेशनल्स को ज्यादा सैलरी वाली नौकरी भी दी. इसके साथ ही काम करने का एक अच्छा माहौल दिया. इन प्रोफेशनल्स ने चीन की तरक्की में बड़ा योगदान दिया और आज चीन एक बेहतरीन देश के तौर पर सामने आया है.

भारत में कौन सी योजनाएं हैं?
भारत में टैलेंट को विदेश जाने से रोकने और उनको यहां सुविधाएं देने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, वज्र फैकल्टी योजना जैसे पहल शामिल हैं. वज्र फैकल्टी योजना के तहत एनआरआई और विदेशी वैज्ञानिकों को भारत के सार्वजनिक संस्थानों में काम करने के लिए आकर्षित करती है. देश में जन्मे और विदेश गए वैज्ञानिकों को वापस लाने के लिए डीबीटी ने जैव प्रौद्योगिकीविदों के लिए रामालिंगा स्वामी रिटर्न फेलोशिप योजना है.

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