यूक्रेन और रूस हमले को एक महीने से होने वाले हैं लेकिन अभी तक रूस यूक्रेन को झुका नहीं पाया है. इसके अलावा जिस कीव पर कब्जा करने का उसका इरादा था वो भी पूरा नहीं हो पाया है. इस बीच रूस के प्रधानमंत्री व्लादीमिर पुतिन कई बार यूक्रेन पर परमाणु हमले की धमकी भी दे चुके हैं. रूस की बौखलाहट दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर हालात रूस के हाथों से बाहर निकलते हैं तो क्या पुतिन परमाणु शक्ति का इस्तेमाल करेंगे?
क्या है टेक्निकल न्यूक्लियर वेपन
रूस के पास एक किलोटन से लेकर 100 किलोटन क्षमता के लगभग 2000 छोटे न्यूक्लियर बम हैं, जिन्हें टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन भी कहा जाता है. ये सीमित दायरे में तबाही मचाते हैं. इनमें छोटे बम और मिसाइलें भी शामिल हैं.द न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनकारों का मानना है कि युद्ध के मैदान में भारी नुकसान के बाद रूस की सेना परमाणु हमला भी कर सकती है. इसके लिए पुतिन की सेना पारंपरिक युद्ध से परमाणु युद्ध के ट्रांजिशन का अभ्यास भी कर चुकी है. चूंकि रूस को युद्ध में नुकसान हो रहा है इसलिए उम्मीद लगाई जा रही है कि पुतिन यह कदम उठा सकते हैं.
सबसे ज्यादा न्यूक्लियर बम रूस के पास
न्यूक्लियर बम के बारे में बात करें तो रूस और अमेरिका इस मामले में सबसे आगे हैं. रूस के पास 5,997 न्यूक्लियर बम हैं जबकि अमेरिका के पास 5,428 और चीन के पास 350 न्यूक्लियर बम है. इस कड़ी में फ्रांस 290 न्यूक्लियर बम के साथ चौथे स्थान पर है. इसके बाद ब्रिटेन (225), पाकिस्तान (165), भारत (160), इजराइल (90) और नॉर्थ कोरिया (20) नौंवे स्थान पर आता है.
परमाणु शक्ति के मामले में कई गुना मजबूत है रूस
परमाणु शक्ति के मामले में रूस इतना मजबूत है कि वह पूरे देश का नामो-निशान मिटा सकता है. यदि पश्चिमी देशों के अनुमानों को सही माना जाए तो रूस के पास करीब दो हजार टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं, जिन्हें एयरक्राफ्ट से गिराया जा सकता है या पारंपरिक मिसाइलों पर लोड किया जा सकता है. रूस के पास ऐसे मिसाइल सिस्टम भी हैं जो पनडुब्बी या समुद्री जहाज से लॉन्च किए जा सकते हैं. इन पर भी ये टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन फिट बैठते हैं.आमतौर पर दो तरह के परमाणु हथियार होते हैं. एक स्ट्रेटेजिक परमाणु हथियार और दूसरे टैक्टिकल परमाणु हथियार.हिरोशिमा पर यही परमाणु बम दागे गए थे, जो 15 किलोटन का था.