आखिर क्यों Donald Trump ने चुना Segio Gor को बतौर भारतीय राजदूत, क्या है इसके पीछे की स्ट्रैटिगी... क्यों हो रही फैसले की आलोचना, जानें सबकुछ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि सर्जियो गोर भारत में अगले अमेरिकी राजदूत होंगे. गोर के साथ उनके काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं. साथ ही गोर ने भी उनके राजनीतिक सफर में उनका काफी साथ दिया है. हालांकि इस पद के लिए कुछ लोग गोर की अलोचना भी कर रहे हैं.

Sergio Gor
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि सर्जियो गोर भारत में अगले अमेरिकी राजदूत होंगे. वह भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों की देखरेख करेंगे, जो अगले हफ़्ते भारत से आने वाले सामानों पर अमेरिकी टैरिफ को दोगुना करने की योजना के साथ और बिगड़ गए हैं. गोर को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत भी नियुक्त किया गया है.

सोशल मीडिया से दी जानकारी
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल पर यह घोषणा की. ट्रंप ने संघीय सरकार में हज़ारों राजनीतिक पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति में मदद करने का श्रेय गोर को दिया. ट्रंप बोले कि सर्जियो एक अच्छे दोस्त हैं, जो कई सालों से मेरे साथ हैं. उन्होंने मेरे राष्ट्रपति अभियान पर साथ काम किया, साथ ही मेरी बेस्टसेलिंग किताबें प्रकाशित कीं और हमारे आंदोलन का समर्थन किया.

गोर का सदस्यों से टकराव
जहां व्हाइट हाउस इस कदम को केवल एक पदोन्नति बता रहा है, वहीं हाल के महीनों में गोर का प्रशासन के कई सदस्यों से टकराव हुआ है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, अपने प्रभाव के बावजूद, गोर को विदेश नीति का बहुत कम अनुभव है. विदेश नीति मामलों में उनका अनुभव ट्रंप की विदेश यात्राओं में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के संदिग्ध अधिकारियों को हटाने तक ही सीमित रहा है. ऐसे में उन्हें राजदूत बनाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

गोर-ट्रंप के रिश्ते
गोर 2020 से ट्रंप के राजनीतिक कार्यों में शामिल रहे हैं और उन्होंने ट्रंप के समर्थन में अभियान के लिए धन जुटाने और राजनीतिक कार्रवाई समितियों में भूमिकाएं निभाई हैं. गोर वर्तमान में व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय का नेतृत्व कर रहे हैं. सीनेट द्वारा उनके राजदूत पद के नामांकन की पुष्टि होने तक वह इस पद पर बने रहेंगे. 

मस्क से ली टक्कर
गोर ने ट्रंप और टेक दिग्गज एलन मस्क के बीच टकराव में अहम भूमिका निभाई थी. टेस्ला के सीईओ और सर्जियो गोर के बीच कथित तौर पर महीनों तक टकराव रहा था, उसके बाद मई में टेस्ला के सीईओ ने ट्रंप प्रशासन से इस्तीफा दे दिया था. कई रिपोर्टों के अनुसार, मार्च में एक कैबिनेट बैठक के दौरान तनाव सामने आया, जहां मस्क और अन्य अधिकारियों के बीच एजेंसी में कटौती को लेकर बहस हुई थी. उस समय गोर का नाम सार्वजनिक रूप से नहीं लिया गया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्टाफिंग पर मस्क के प्रभाव का विरोध किया था.

मस्क ने गोर को बताया 'सांप'
गोर द्वारा नासा का नेतृत्व करने के लिए जेरेड इसाकमैन के नामांकन को रोकने में मदद करने के बाद मस्क और गोर के बीच दरार और गहरी हो गई. जिसका मस्क ने पुरजोर समर्थन किया था. बाद में ट्रंप ने स्वीकार किया कि इस फैसले से मस्क नाराज थे, जिन्होंने फिर एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में गोर की सार्वजनिक रूप से आलोचना की और उन्हें सांप बताया. 

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