Donald Trump Inauguration: डोनाल्ड ट्रम्प दूसरी बार दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान बनने जा रहे हैं. ट्रम्प 20 जनवरी 2025 को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. ट्रम्प के साथ जे डी वान्स (JD Vance) भी उप-राष्ट्रपति का पद संभालेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति आमतौर पर वाशिंगटन डीसी (Washington DC) के नेशनल मॉल में शपथ लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा.
ट्रम्प इस बार शपथ कैपिटल बिल्डिंग (Capitol Building) के अंदर लेंगे. उसी जगह जहां चार साल पहले उनके समर्थकों ने 'तख्तापलट' के इरादे से घुसपैठ की थी. ट्रम्प के शपथ ग्रहण कार्यक्रम (Trump Swearing-in) में यह बदलाव क्यों हुआ, ट्रम्प अब कहां और कितने बजे शपथ लेंगे. और ट्रम्प चुनाव जीतने के दो महीने बाद शपथ क्यों ले रहे हैं, आइए जानते हैं सब कुछ.
चुनाव और शपथ के बीच अंतर क्यों?
मतदान की तारीख और ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बीच 76 दिन का अंतर था. इसका प्रमुख कारण यह है कि अमेरिका में मतदान अब भी बैलेट पेपर से होता है. मतदान के बाद जब वोटों की गिनती शुरू होती है तो प्रमुख मीडिया संगठन परिणाम की घोषणा करते हैं.
जब यह साफ हो जाता है कि चुनाव कौन जीत रहा है तो अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई देने और परिवर्तन प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित करते हैं.
इस रिवाज़ का पालन करते हुए जो बाइडेन (Joe Biden) ने ट्रम्प को व्हाइट हाउस में 13 नवंबर को आमंत्रित किया था. इस बीच, हमेशा की तरह वोटों की गिनती जारी थी. देशभर में वोटों की गिनती पूरी होने पर इलेक्टोरल कॉलेज दिसंबर में चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार की घोषणा करता है. इसके बाद जनवरी में अमेरिकी संसद की बैठक में इसपर आधिकारिक मुहर लगती है.
घटनाओं का यह क्रम समय के साथ बदला है. पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने 30 अप्रैल, 1789 को पद की शपथ ली थी. साल 1933 तक के बाद के राष्ट्रपतियों ने चार मार्च को शपथ ली. अमेरिकी संविधान में 20वें संशोधन के बाद राष्ट्रपति की शपथ के लिए 20 जनवरी की तारीख चुनी गई.
कहां और कितने बजे शपथ लेंगे ट्रम्प?
ट्रम्प का शपथ ग्रहण समारोह मूल रूप से वाशिंगटन डीसी में नेशनल मॉल नामक पार्क के सामने, अमेरिकी कैपिटल के पश्चिमी मोर्चे पर खुले आसमान के नीचे आयोजित होने वाला था. लेकिन बर्फीले तापमान के कारण ट्रम्प को पुनर्विचार करना पड़ा. ट्रम्प ने शुक्रवार को सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए घोषणा की कि समारोह को 88 मीटर ऊंचे (288 फुट) गुंबद के नीचे, कैपिटल के रोटुंडा में आयोजित किया जाएगा.
यहां पर उतनी बड़ी तादाद में ट्रम्प समर्थक उन्हें शपथ लेता देखने के लिए उपस्थित नहीं हो पाएंगे. इस समारोह के लिए लगभग 250,000 मेहमानों के पास मूल आउटडोर कार्यक्रम के टिकट हैं. लेकिन ट्रम्प ने अपने समर्थकों को कैपिटल वन एरेना में लाइव प्रसारण देखने के लिए प्रोत्साहित किया है.
ट्रम्प अपने शपथ-ग्रहण समारोह को नेशनल मॉल से हटाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं हैं. साल 1985 में रोनाल्ड रीगन भी दूसरी बार पदभार ग्रहण कर रहे थे. और उन्हें भी बर्फीले मौसम का सामना करना पड़ा. तापमान -14 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के कारण ट्रम्प की तरह रीगन ने भी अपने शपथ ग्रहण समारोह को कैपिटल रोटुंडा में आयोजित करने का फ़ैसला किया था.
क्या कहती है राष्ट्रपति पद की शपथ?
यह शपथ अमेरिकी संविधान के खंड एक के अनुच्छेद दो से ली गई है. इसमें लिखा है, “मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का ईमानदारी से पालन करूंगा और अपनी पूरी क्षमता से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूंगा.”
ट्रम्प बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेंगे. यह प्रथा अमेरिका के पहले राष्ट्रपति वाशिंगटन ने शुरू की थी. हालांकि अमेरिकी संविधान में बाइबिल या किसी और धार्मिक पुस्तक पर हाथ रखकर शपथ लेने का प्रावधान नहीं है.
अमेरिका के छठे राष्ट्रपति जॉन क्विन्सी एडम्स (John Quincy Adams) ने जहां संविधान पर हाथ रखकर शपथ ली थी, वहीं, टेडी रूजवेल्ट (Theodore Roosevelt) ने बिना किसी किताब तके शपथ ग्रहण की थी.
साल 2017 में अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ट्रम्प ने उसी बाइबिल पर शपथ ली थी जिसका इस्तेमाल अब्राहम लिंकन ने 1861 में किया था. उन्होंने अपनी दिवंगत मां मैरी ऐनी मैकलियोड ट्रम्प द्वारा उपहार में दी गई दूसरी बाइबिल का भी इस्तेमाल किया. मीडिया रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि ट्रम्प इस साल भी लिंकन बाइबिल और अपनी मां की दी हुई बाइबिल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कौन-कौन होगा समारोह में शामिल?
राष्ट्रपति पद के उद्घाटन समारोह में हमेशा प्रभावशाली लोग शामिल होते रहे हैं, लेकिन इस साल के कार्यक्रम में शामिल होने वालों की लिस्ट ने अतिरिक्त ध्यान आकर्षित किया है. इस लिस्ट में बराक ओबामा, जॉर्ज बुश और बिल क्लिंटन सहित तीन पूर्व राष्ट्रपति उपस्थित रहेंगे. निवर्तमान प्रशासन के नेता राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी इसमें शामिल होंगे.
ट्रम्प के मेहमानों की लिस्ट में दुनिया भर के दूर-दराज़ के नेताओं का भी नाम शामिल है. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति हावियेर माइली, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राजनीतिज्ञ एरिक ज़ेमोर और ब्रिटिश सांसद निगेल फ़राज भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
कई प्रमुख व्यवसायी भी ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनेंगे. भारत की ओर से मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी इसके लिए वाशिंगटन पहुंच चुके हैं. इसके अलावा अमेरिकी अरबपति एलन मस्क, अमेज़ॅन के संस्थापक जेफ बेजोस, ऐप्पल के सीईओ टिम कुक और फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.