आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का शानदार नजारा चीन की राजधानी बीजिंग में देखने को मिला, जहां दुनिया का पहला वर्ल्ड ह्यूमनॉइड रोबोट गेम्स आयोजित किया गया. इस अंतरराष्ट्रीय इवेंट में 16 देशों की 280 टीमों ने हिस्सा लिया और 500 से ज्यादा रोबोट्स ने विभिन्न खेलों और गतिविधियों में अपनी क्षमता दिखाई.
रोबोट्स की दुनिया में खेलों का ओलंपिक
यह प्रतियोगिता गुरुवार से शुरू होकर रविवार तक चली. इसमें 100 मीटर, 400 मीटर और 1500 मीटर रेस, जिमनास्टिक, फुटबॉल, नृत्य, बॉक्सिंग और कुंग-फू जैसे कई खेल शामिल थे. साथ ही, सफाई करने और दवाओं की पहचान जैसे काम भी मुकाबले का हिस्सा बनाए गए.
फुटबॉल मुकाबले में चीन की शिंगुआ हेफेस्टस् टीम ने पांच-पांच की टीम वाले मैच में जीत हासिल की. वहीं, तीन-तीन की टीम वाले फुटबॉल में चीन के कृषि विश्वविद्यालय के रोबोट स्वीटी ने जर्मनी की टीम को हराया.
रोमांचक पल और चुनौतियां
इवेंट के दौरान कई मजेदार पल भी देखने को मिले. फुटबॉल खेलते समय छोटे-छोटे रोबोट्स बार-बार गिरते-पड़ते नजर आए. वहीं 1500 मीटर रेस में चीन की कंपनी Unitree का रोबोट तेज रफ्तार से दौड़ता हुआ बाकी प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकल गया. इसने रेस 6 मिनट 29 सेकंड में पूरी की, हालांकि यह समय इंसानी वर्ल्ड रिकॉर्ड (3 मिनट 26 सेकंड) से काफी धीमा रहा. एक दौड़ के दौरान एक रोबोट अपने ऑपरेटर से टकरा गया. इंसान गिर पड़ा लेकिन रोबोट खड़ा रहा. हालांकि, किसी को चोट नहीं आई.
क्यों खास है यह आयोजन?
यह पहला मौका था जब खेलों का आयोजन सिर्फ इंसान जैसे दिखने वाले ह्यूमनॉइड रोबोट्स पर केंद्रित था. आयोजकों का कहना है कि इसका उद्देश्य एआई और रोबोटिक्स की प्रगति को सामने लाना है और यह भविष्य की तकनीक की झलक देता है.
चीन की बड़ी रणनीति
चीनी सरकार रोबोटिक्स को अपनी राष्ट्रीय रणनीति का अहम हिस्सा बना रही है. हाल ही में सरकार ने 1 ट्रिलियन युआन (लगभग ₹11.5 लाख करोड़) का फंड टेक स्टार्टअप्स और एआई-रोबोटिक्स के लिए घोषित किया है. चीन पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल रोबोट मार्केट है. अप्रैल 2025 में बीजिंग ने दुनिया का पहला ह्यूमनॉइड रोबोट हाफ-मैराथन भी आयोजित किया था.
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