हमारे ग्रह, पृथ्वी का सत्तर प्रतिशत हिस्सा पानी में है या कहें कि महासागरों या समुद्रों से कवर है. एक ही ग्लोबल महासागर है जिसे पांच भौगोलिक क्षेत्रों में बांटा गया है- पेसिफिक, अटलांटिक, भारतीय, आर्कटिक और साउदर्न महासागर. इस ग्लोबल महासागर में 1.35 बिलियन क्यूबिक किलोमीटर पानी है. लगभग आधा महासागर 3 किलोमीटर से अधिक गहरा है. महासागर का सबसे गहरा बिंदु मारियाना ट्रेंच में है, जो समुद्र तल से 11 किलोमीटर नीचे है. लेकिन ऐसे कई गहरे बिंदु हो सकते हैं जिन्हें हमने नहीं देखा है, क्योंकि इंसान आज तक केवल पांच प्रतिशत महासागर का ही पता लगा पाए हैं.
इन महासागरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है. इसलिए कनाडा की सरकार ने 1992 में रियो डी जनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन में विश्व महासागर दिवस के विचार का सुझाव दिया. 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर तारीख को मान्यता दी और तब से हर साल 8 जून को यह दिन मनाया दा रहा है. इस दिन विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, जिसमें एक्वैरियम और चिड़ियाघरों, समुद्र तट और नदी की सफाई, स्कूल की गतिविधियों, संरक्षण कार्यक्रमों, कला प्रतियोगिताओं और फिल्म समारोहों में विशेष कार्यक्रम शामिल हैं.
हमारे महासागरों का महत्व
इस दिन का एक मुख्य उद्देश्य लोगों को यह याद दिलाना है कि समुद्र हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जीवन की शुरुआत समुद्र में हुई और महासागर पृथ्वी पर बहुत से पौधों और जानवरों का घर है, सिंगल सेल वाले जीवों से लेकर ब्लू व्हेल तक. समुद्री पौधे हमें 70 प्रतिशत ऑक्सीजन प्रदान करते हैं. समुद्र जलवायु को नियंत्रित करता है, सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में ठंडी हवा देता है. यह हमें भोजन और दवाओं के साथ-साथ परिवहन भी देता है. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप धरती पर कहां रहते हैं, समुद्र से कितनी भी दूर क्यों न हों, आपका जीवन समुद्र पर निर्भर है.
इसलिए आज समुद्रों को बचाना बहुत ज्यादा जरूरी है. खासकर कि प्लास्टिक और प्रदूषण से जिस कारण समुद्र और समुद्री जीव दोनों खत्म हो रहे हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि आप कैसे इस काम में मदद कर सकते हैं.
प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें
हमारे समुद्रों में लगातार प्लास्टिक का कचरा बढ़ रहा है. समुद्री जानवर और पक्षी इन प्लास्टिक के टुकड़ो को खाने की वजह से मर रहे हैं. जितना ज्यादा प्लास्टिक आप इस्तेमाल करतें है, उतना ही ज्यादा प्लास्टिक समुद्र में जमा होता है. इसलिए कम से कम प्लास्टिक इस्तेमाल करें.
अपने आसपास के समुद्र तटों को साफ करें
अगर आप समुद्र तट पर रहते हैं तो सबसे पहले अपने पास के समुद्र तट पर जाए और वहां साफ-सफाई अभियान चलाएं. ऐसा करने से न सिर्फ समुद्र तट साफ होता बल्कि समुद्र की भी रक्षा होगी.
कार्बन एमिशन को करें कम
समुद्रों पर लगातार क्लाइमेट चेंज का प्रभाव पड़ता है. हम सब जानते हैं कि समुद्र का लेवल बढ़ रहा है. इसलिए बहुत ज्यादा जरूरी है कि कार्बन एमिशन को कम से कम किया जाए ताकि जिंदगी को बचाया जा सके.
फ्यूल की खपत कम करें
ऐसा करने से हानिकारक और जहरीले कार्बन के असर को कम करनें में मदद मिलती है. हाई लेवल फ्यूल इस्तेमाल करने से समुद्री सतह का तापमान बढ़ता है.
अपने पानी को साफ रखें
प्रदूषित पानी को अक्सर समुद्र की ओर बहा दिया जाता है. जिसमें हानिकारक कचरा और सीवर का पानी समुद्र में पहुंचता है और नुकसान करता है. इसलिए अपने इस्तेमाल हुए पानी को समुद्र में न जाने दें बल्कि फिल्टर करें.
रिसायक्लिंग पर करें फोकस
हम सबको रिसायक्लिंग को अपनी आदत बनाना चाहिए. ऐसा न करने पर, नॉन-रिसायकल्ड आइटम्स, विशेष रूप से प्लास्टिक, समुद्र में पहुंच जाते हैं. और समुद्र को नुकसान पहुंचाते हैं.
केमिकल्स का उपयोग कम करें
हमारे कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स से लेकर क्लीनिंग प्रोडक्ट्स तक, सभी में हानिकारक केमिकल होते हैं. इनका इस्तेमाल करने से ये पानी के साथ समुद्र पहुंचते हैं और समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं.