
वृषभ राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह (9-15 जून 2025) मिश्रित फलदायी रहेगा. मां लक्ष्मी की कृपा तो बनी रहेगी लेकिन धन का सोच-समझकर इस्तेमाल करें. वृषभ राशि वाले इस सप्ताह जोखिम लेने से बचें, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस सप्ताह वृषभ राशि वालों की प्रतिभा धीरे-धीरे निखरकर सामने आएगी.
रोज योग और करें व्यायाम
वृषभ राशि वाले आपकी चंद्र राशि से केतु के चौथे भाव में विराजमान होने की वजह से इस सप्ताह आपको इस बात का एहसास होगा कि आप जिस शारीरिक और मानसिक बीमारी से लंबे समय से परेशान थे, उनकी असल जड़ आपका दुख हो सकता है. ऐसे में इनसे बचने के लिए खुद को खुश रखने का प्रयास करें.
सप्ताह की शुरुआत में मानसिक तनाव महसूस हो सकता है, जो आपकी ऊर्जा पर असर डाल सकता है. इसका प्रभाव सिरदर्द, थकावट या स्ट्रेस से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में दिख सकता है. आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. इस सप्ताह बाहर का खाना खाने से बचें. रोज योग और व्यायाम करें. कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.
उच्च अधिकारियों से मिलेगी प्रशंसा
आपकी चंद्र राशि से शनि के ग्यारहवें भाव में विराजमान होने की वजह से आपको इस पूरे ही हफ्ते, अपने वरिष्ठों और उच्च अधिकारियों से पूर्ण प्रशंसा और सहयोग मिलेगा. इसके अलावा आपके द्वारा की गई यात्राएं भी इस दौरान आपको बहुत लाभ पहुंचाएंगी, क्योंकि आपकी कुंडली में कई शुभ ग्रहों का प्रभाव, आपके हित में दिखाई दे रहा है.
प्रेम संबंध में बरतें सावधानी
वृषभ राशि के वे जातक जो प्रेम संबंध में हैं, वे इस सप्ताह कदम आगे बढ़ाने से पहले विशेष सावधानी बरतें. ऐसा नहीं करने पर आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है. इस सप्ताह किसी भी हालत में लव पार्टनर का विश्वास न खोएं. यदि आपने ऐसा किया तो बनी बात भी बिगड़ सकती है. वृषभ राशि के वे जातक, जिनकी शादी हो गई, उनका दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा.
पठन-पाठन पर विद्यार्थी दें ध्यान
छात्र-छात्राओं को इस सप्ताह ऐसी हर गतिविधियों में खुद को संलिप्त करने से परहेज करना होगा, जिससे उनकी छवि के साथ-साथ उनके शैक्षिक जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. ऐसी गतिविधि आपको अपने लक्ष्यों से भटका सकती हैं. वृषभ राशि वालों को इस सप्ताह सिर्फ अपने पठन-पाठन पर ध्यान देना चाहिए. ऐसा करने से परीक्षाओं में सफलता मिलेगी.
उपाय: किसी भी समस्या से छुटकारा पाने के लिए वृषभ राशि वाले नियमित रूप से 42 बार ॐ महालक्ष्मी नम: मंत्र का जाप करें.