मिथुन राशि वालों के लिए राहु का नवम भाव में गोचर करियर में अनचाहे परिवर्तन, धन की हानि और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं ला सकता है; विशेषकर प्रोस्टेट, यूरिन, किडनी व पाचन तंत्र की समस्याएं उभर सकती हैं. हालांकि, केतु का तृतीय भाव में गोचर संपत्ति लाभ और पारिवारिक सहयोग के संकेत दे रहा है, जिससे कुछ राहत मिल सकती है. ज्योतिषी सलाह देते हैं कि राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रतिदिन शाम को भगवान भैरव की उपासना करें और "ओम भम भैरवाएँ अनिष्ट निवारणाय स्वाहा" मंत्र का जाप करें ताकि संभावित परेशानियां दूर हों.