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फरवरी में ‘रिंग ऑफ फायर’ तो अगस्त में फुल ग्रहण... जानें कब पड़ रहे हैं साल 2026 के 4 सबसे बड़े ग्रहण

Grahan 2026: साल 2026 में कुल चार ग्रहण होंगे दो सूर्य और दो चंद्र. सबसे पहले 17 फरवरी को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण दोपहर में होगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा. तो आइए जानते हैं 2026 में पड़ने वाले इन पांच बड़े ग्रहणों के बारे में.

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Grahan 2026: साल 2026 में कई बड़े ग्रहों के गोचर होंगे लेकिन सभी ग्रहों में सबसे प्रमुख गोचर राहु का होने वाला है. फरवरी में ‘रिंग ऑफ फायर’ और अगस्त में फुल सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा. बता दें कि साल 2026 में कुल चार ग्रहण होंगे दो सूर्य और दो चंद्र. सबसे पहले 17 फरवरी को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण दोपहर में होगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा. तो आइए जानते हैं 2026 में पड़ने वाले इन चार बड़े ग्रहणों के बारे में.

2026 का पहला सूर्य ग्रहण  
2026 का सबसे बड़ा और खास ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 होने वाला है. इस दिन चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेगा, जिससे दिन में कुछ समय के लिए अंधेरा छा जाएगा. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा. भारत में यह ग्रहण आंशिक रूप से भी दिखाई नहीं देगा, लेकिन दुनिया भर के खगोल वैज्ञानिकों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण रहेगा.

2026 का दूसरा चंद्र ग्रहण  
मार्च की शुरुआत में आंशिक चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को पड़ेगा. इस दौरान पृथ्वी की छाया का केवल एक हिस्सा चंद्रमा पर पड़ेगा. यह ग्रहण एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकेगा. भारत के कई हिस्सों में इसे देखा जा सकता है.

तीसरा सूर्य ग्रहण
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त 2026, बुधवार के दिन लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा यानी सूर्यग्रहण कुछ समय के लिए पूरी तरह ढक जाएगा. यह आर्कटिक, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन, रूस और पुर्तगाल के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा. हालांकि, भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि उस समय यहां रात होगी.

चौथा पूर्ण चंद्र ग्रहण
साल 2026 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त को लगेगा. यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. लेकिन, यह उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में चला जाएगा और लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे आमतौर पर ब्लड मून कहा जाता है. यह ग्रहण भारत, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में साफ तौर पर देखा जा सकेगा.
 

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