कई बार लोगों का वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता है. उनके जीवन में परेशानियां चलती रहती हैं. अगर किसी के वैवाहिक जीवन में तालमेल का अभाव हो तो उसे शुक्रवार के दिन संयुक्त रूप से माता लक्ष्मी और श्री हरि की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं. वैवाहिक जीवन में ग्रहों का भी काफी महत्व होता हैय ग्रहों की चाल से वैवाहिक जीवन का हाल बदल सकता है. हर व्यक्ति की एक राशि होती है, और उस राशि को कोई न कोई ग्रह प्रभावित जरूरत करता है. ग्रहों का एक विशेष अवस्था में विशेष राशि में पाया जाना, उनको उच्च और नीच ग्रह बना देता है.
ग्रह कब बनता है नीच?
ग्रह उच्च और नीच के होने पर विशेष और महत्वपूर्ण परिणाम देते हैं. ग्रह जब नीच राशि में होते हैं तब कुंडली के तमाम अच्छे और बुरे परिणामों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. कभी-कभी एक अकेला नीच ग्रह भी सब कुछ बदल सकता है. धारणा है कि नीच ग्रह हमेशा अशुभ होते हैं जबकि ऐसा हमेशा नहीं होता. कोई भी ग्रह कभी भी नीच ग्रह बन जाता है और उसके कई नुकसान होते हैं.
कब नीच ग्रह देते हैं नुकसान?
सूर्य तुला राशि में नीच ग्रह होता है. ऐसा होने पर यह आंखों की समस्या देता है, सेहत खराब करता है और पिता के लिए अच्छा नहीं होता. चंद्रमा वृश्चिक में नीच ग्रह होता है. यह मन को असंतुलित करता है, हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है और माता को कष्ट देता है. मंगल कर्क राशि में नीच ग्रह होता है. यह क्रोध पैदा करता है, संपत्ति बनाने में बाधा देता है और भाई बहनों को कष्ट देता है. बुध मीन राशि में नीच ग्रह होता है. यह भ्रम पैदा करता है तथा आर्थिक रूप से नुकसान करता है और ननिहाल पक्ष के लिए अच्छा नहीं होता. बृहस्पति मकर राशि में नीच ग्रह होता है. यह जीवन में स्थायित्व नहीं आने देता साथ ही विवाह के मामले में समस्या पैदा करता है. शुक्र कन्या राशि में नीच ग्रह होता है. यह व्यक्ति को व्यभिचार की तरफ ले जाता है. अपयश देता है. सुख का अनुभव नहीं होता. शनि मेष राशि में नीच ग्रह होता है. इससे काफी दुर्घटनाए घटती हैं, नौकरी में बाधा आती है तथा स्नायु तंत्र की समस्या होती है.
कब नीच ग्रह पहुंचाते हैं फायदा?
सूर्य ग्रह आपको चिकित्सक बना सकता है. परिवार से दूर होने पर अत्यंत मान सम्मान देता है. तो वहीं चंद्रमा ग्रह आध्यात्मिक विकास करवाता है. यात्राओं से लाभ होता है और कम आयु में नौकरी मिल जाती है. मंगल ग्रह अच्छा शल्य चिकित्सक बनाता है. प्रशाशन में लाभकारी होता है. स्त्री पक्ष से फायदा होता है. बुध ग्रह वाणी और चालाकी से खूब धन कमवा सकता है. शिक्षा क्षेत्र में लाभ देता है. बृहस्पति ग्रह ईश्वर कि तरफ झुकाव पैदा करता है. संतान को योग्य बनाता है. शुक्र ग्रह फिल्म मीडिया अथवा ग्लैमर में व्यक्ति को सफलता दिलवाता है. शनि ग्रह संपूर्ण प्रशासनिक अधिकार देता है. उतार-चढ़ाव में स्थिर बनाए रखता है.
नीच ग्रह से नुकसान का समाधान
अगर सूर्य नीच का हो तो सूर्य को जल अर्पित करें और ताम्बा धारण करें. लेकिन अगर चन्द्रमा नीच राशि में हो तो पूर्णिमा का उपवास रखें. शिव जी की पूजा करें. मंगल के नीच राशि में होने पर नमक का सेवन कम करें और किसी विद्यर्थियों की सहायता करें. अगर बुध नीच का हो तो देर तक मत सोएं. विष्णु जी की उपासना करें और आयरन युक्त खाना खाएं. अगर बृहस्पति नीच राशि में हो तो झूठ मत बोलें. मांस-मदिरा से बचें और अपने गुरु और माता पिता की सेवा करें. शुक्र के नीच राशि में होने पर चरित्र पर नियंत्रण रखें. हनुमान जी की उपासना करें शनि अगर नीच का हो तो वाहन चलाने में सावधानी रखें. योगाभ्यास करें और कृष्ण जी की उपासना करें.
अगर नीच ग्रह और उच्च ग्रह साथ में बैठे हों तो ऐसे में नीच के ग्रह का नीचत्व भंग हो जाएगा औक साथ ही उच्च ग्रह का परिणाम भी न्यूट्रल हो जाएगा.