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Astrology: क्या है ग्रहों का बीमारी के साथ कनेक्शन? रत्न कैसे मदद करते हैं हालात सुधारने में?

जब शरीर के ग्रहों में कमजोरी आती है तब बीमारी होने लगती है. लेकिन ग्रह को ठीक कर बीमारी को दूर किया जा सकता है.

रत्नों से करें बीमारी दूर रत्नों से करें बीमारी दूर

हमारे जीवन में ज्योतिष का काफी प्रभाव होता है. जीवन में आने वाले कई पढ़ाव ज्योतिष से प्रभावित होते हैं. अलग-अलग लोगों की अलग राशि होती है. हर राशि को कोई न कोई ग्रह प्रभावित करता है. यहां तक की हमारे जीवन में आने वाली बीमारी से ग्रह से संबंध रखती है. हमारे शरीर में नौ ग्रह स्थित हैं. उन ग्रहों की भी रंग और तरंग है. जिसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है.

जब शरीर के ग्रहों में कमजोरी आती है तब बीमारी होने लगती है. लेकिन ग्रह को ठीक कर बीमारी को दूर किया जा सकता है. इसके लिए हम रत्न धारण कर सकते हैं. रत्न धारण करके हम उन ग्रहों की तरंगों को ठीक कर सकते हैं और बीमारियों से बच सकते हैं. लेकिन रत्न धारण करने से पहले सलाह लेना जरुरी है. साथ ही रत्नों को सूर्य या चन्द्रमा की रौशनी में धारण करना चाहिए. इससे रत्न का ज्यादा लाभ मिलता है.

हड्डियों से जुड़ी बीमारियां
इन रोगों के पीछे आम तौर पर सूर्य की भूमिका होती है. सूर्य का कमजोर होना स्वास्थ्य की समस्या बनाए रखता है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए माणिक्य धारण करना चाहिए. यह सूर्य का रत्न है. इसका रंग गुलाबी होता है और इसका प्रभाव तुरंत मिलता है. इसको सोने या ताम्बे में धारण करके पहनना चाहिए. 

छोटी मोटी पेट की समस्या और एनीमिया जैसी बीमारियां समस्या चन्द्रमा से सम्बन्ध रखती है. इसमें भी लगातार सर्दी-जुकाम चन्द्रमा के कारण ही होता है. इसके लिए चन्द्रमा का रत्न मोती विशेष तौर पर कारगर होता है. यह धीरे-धीरे शरीर पर असर डालता है. इसे चांदी में धारण करके पहनना चाहिए. जिन लोगों की अवसाद की समस्या है, उन्हें मोती ध्यान से पहनना चाहिए. 

आत्मविश्वास की कमी और बीमार पड़ना
ज्यादा बुखार आना या चोट लगते रहना आदि ये तमाम समस्याएं मंगल से सम्बन्ध रखती हैं. मंगल बार-बार चोट चपेट और शल्य चिकित्सा की स्थिति बना देता है. मंगल के कारण रोग प्रतिरोधक शक्ति भी कमजोर हो जाती है. इसके लिए मंगल का रत्न मूंगा धारण करना चाहिए. यह भी शीघ्र प्रभावशाली रत्न होता है. इसे ताम्बे में धारण करना चाहिए.
 
त्वचा संबंधी समस्याएं
इन तमाम समस्याओं के लिए बुध जिम्मेदार होता है. यह पूरी तरह ब्रेन की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है. इसके लिए बुध का रत्न पन्ना धारण करना अनुकूल होगा. यह मध्यम गति से प्रभाव देता है. इसे सोने या चांदी, दोनों में पहन सकते हैं. तो वहीं, लम्बी चलने वाली बीमारियां का शनि पूर्ण रूप से स्नायु तंत्र का स्वामी है. यह ख़राब होने पर लम्बी चलने वाली बीमारियां भी देता है. इसके लिए सलाह लेकर शनि का रत्न नीलम पहनना चाहिए. यह सबसे तेज गति से प्रभाव देता है. इसे चांदी या लोहे में धारण करें.