
सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है. मीन राशि बृहस्पति की जलीय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है. बीमारियाँ और रोग बढ़ते हैं , लोगों के मन में खूब सारी चंचलता आ जाती है. इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं अतः इसे मीन मलमास (खरमास) भी कहते हैं. सूर्य 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. अतः इस बार मीन मलमास 15 मार्च से 14 अप्रैल तक रहेगा.
इस समय कौन से शुभ कार्य होते हैं वर्जित
सूर्य का मीन राशि में प्रवेश करने से मीन संक्रांति शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही मलमास भी शुरू हो जाएगा. जिसके शुरू होने के बाद इस समय विवाह वर्जित होता है. इस समय अगर विवाह किया जाए तो न तो भावनात्मक सुख मिलेगा और न ही शारीरिक सुख. इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है. इस अवधि में बनाये गए मकान आम तौर पर कमजोर होते हैं और उनके निवास का सुख नहीं मिल पाता. नया व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ न करें. मीन मलमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है. अन्य मंगल कार्य जैसे द्विरागमन,कर्णवेध, और मुंडन भी वर्जित है. क्योंकि इस अवधि के किये गए कार्यों से रिश्तों को खराब होने की सम्भावना होती है.
सूर्य का राशि परिवर्तन सकारात्मक हो तो करें ये उपाय
इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सामान्य रहेगा. ज्यादातर लोगों के जीवन में वाद विवाद बढ़ेगा. परंतु लोगों का झुकाव भी ईश्वर की तरफ रहेगा. मेष, सिंह और मीन राशि के लोगों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस समय सूर्य को हल्दी मिला हुआ जल अर्पित करें. नित्य प्रातः और सायं सूर्य मंत्र का जप करें. ज्यादा समस्या हो तो रविवार का व्रत रखें, गुड़ का दान करें.
राशि अनुसार ये पड़ेगा प्रभाव