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मानसिक शांति और वैवाहिक सुख के लिए सावन में करें इस मंत्र का जाप, बता रहे हैं शैलेंद्र पांडेय

यह मंत्र भगवान शिव के गौरी शंकर स्वरूप का है, जिसमें माता गौरी भगवान शिव की बाईं जांघ पर विराजमान हैं. यदि किसी व्यक्ति को मानसिक रोग या मानसिक परेशानियां अधिक होती हैं, या वे तनाव में रहते हैं, तो उन्हें इस मंत्र का रोज़ सुबह-शाम जप करना चाहिए. इसके अतिरिक्त, यदि वैवाहिक जीवन में कोई समस्या है या विवाह से संबंधित कोई दिक्कत है, तो पूरे सावन के महीने में रोज़ शाम को प्रदोषकाल में इस मंत्र का एक माला, तीन माला या पांच माला जप करना चाहिए. बताया गया है कि अगर इस मंत्र का जप सावन के महीने में रोज़ शाम को किया जाए, तो विवाह और वैवाहिक जीवन की कोई भी समस्या दूर हो जाएगी. यह मंत्र मानसिक शांति और वैवाहिक जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायक है.