दान को हर धर्म में महत्वपूर्ण बताया गया है और यह जीवन की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है. विभिन्न प्रकार के दान जैसे अन्न, वस्त्र, धातु, सेवा, विद्या और रक्त दान के अलग-अलग लाभ हैं, लेकिन दान करते समय 'त्विदयम वस्तुगोविन्दम तुब्यमेव समर्पित' का भाव रखना चाहिए. कार्यक्रम में बताया गया है कि अपनी लग्न के अनुसार कौन सा दान करना चाहिए और कौन सा नहीं.