ज्योतिष में वाहन सुख का गहरा महत्व है, जिसका संबंध कुंडली के चतुर्थ भाव से होता है. शुक्र ग्रह को वाहन का मुख्य कारक माना जाता है और इसकी शुभ स्थिति वाहन सुख प्रदान करती है. कुछ मामलों में शनि का भी प्रभाव होता है क्योंकि वाहन लोहे से निर्मित होता है. वाहन के रंग का चुनाव भी महत्वपूर्ण है; सफेद या क्रीम रंग का वाहन सभी के लिए अनुकूल माना जाता है. इसके विपरीत, काले रंग के वाहन से बचना चाहिए, जब तक कि कुंडली में शनि की स्थिति अत्यंत अनुकूल न हो. वाहन का नंबर भी उसके स्वामी के लिए मायने रखता है. वाहन के अंतिम चार अंकों का योग उसका मुख्य अंक होता है, जिसे स्वामी के अंक से मेल खाना चाहिए. अंक छह को शुभ माना जाता है, जबकि अंक आठ से बचने की सलाह दी जाती है.