सावन का पावन महीना चल रहा है, जिसमें महादेव की पूजा-उपासना से उनकी कृपा प्राप्त होती है. भगवान शिव से महामृत्युंजय मंत्र और रुद्राक्ष जुड़े हैं. महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु और जीवन रक्षा की प्रार्थना है. इसके कई स्वरूप हैं, जैसे एकाक्षरी, त्रयक्षरी, चतुराक्षरी और दशाक्षरी. यह मंत्र कुंडली के दोषों, आयु संकट और मारक दशा को दूर करने में सहायक है. मंत्र जप के विशेष नियम हैं, जिनका पालन आवश्यक है.