ज्योतिष में मंगल को सेनापति कहा गया है, जिसका कार्य सुरक्षा करना है. मंगल रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्वामी है और यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार न पड़े और स्वस्थ बना रहे. मंगल रक्त संबंधी समस्याओं और दुर्घटनाओं का कारण बनता है, जिससे चोट लगती है और खून बहता है. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी मांसपेशी संबंधी बीमारियां भी मंगल के कारण होती हैं. मंगल उच्च रक्तचाप और बार-बार होने वाले बुखार के लिए भी जिम्मेदार है. शरीर में दवाइयों के नकारात्मक रिएक्शन, त्वचा पर दाने या काले निशान भी मंगल के प्रभाव से हो सकते हैं.