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Ganesh Chaturthi 2023: भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्तियों का क्या है महत्व, कैसी करें मूर्ति स्थापित

गणेश जी की अलग अलग मूर्तियां अलग अलग तरह के परिणाम देते हैं. सबसे ज्यादा पीले रंग की और रक्त वर्ण की मूर्ति की उपासना शुभ होती है. नीले रंग के गणेश जी को "उच्छिष्ट गणपति" कहते हैं , इनकी उपासना विशेष दशाओं में ही की जाती है. हल्दी से बनी हुई या हल्दी का लेपन की हुई मूर्ति "हरिद्रा गणपति" कहलाती है , यह कुछ विशेष मनोकामनाओं के लिए शुभ मानी जाती है. एकदंत गणपति , श्यामवर्ण के होते हैं , इनकी उपासना से अद्भुत पराक्रम की प्राप्ति होती है. सफ़ेद रंग के गणपति को ऋणमोचन गणपति कहते हैं , इनकी उपासना से ऋणों से मुक्ति मिलती है. त्रिनेत्रधारी,रक्तवर्ण और दस भुजाधारी गणेश "महागणपति" कहलाते हैं , इनके अन्दर समस्त गणपति समाहित होते हैं. सामान्यतः पीले रंग की या रक्त वर्ण की प्रतिमा जिसका आकार मध्यम हो , घर में स्थापित करनी चाहिए .

In this video, Pandit Shailendra Pandey is telling about the importance of different idols of Lord Ganesha. Apart from this, he is also telling the method of installing the idols of Lord Ganesha.