Sovereign Gold Bond Scheme 
 Sovereign Gold Bond Scheme आज से लेकर मकर संक्रांति तक आपके पास सस्ता सोना खरीदने का मौका है. RBI अपनी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की नौंवी सीरीज लेकर आई है. ये बताने की जरूरत नहीं कि सोने में निवेश करना हमेशा सेफ रहा है. लेकिन दुकान से सोना या सोने के गहने खरीदने की बजाय बॉन्ड खरीदना निवेश के दृष्टिकोण से अच्छा माना जाता है. तो चलिए समझते हैं इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम को और जानते हैं कि ये आपके लिए कैसे सुनहरा मौका है
सस्ता गोल्ड खरीदने का ऐसा गोल्डन चांस बार-बार नहीं आता. सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम फिर आई है. सस्ते में सोना खरीदने का मौका लाई है. सोना 1 ग्राम खरीदिए या एक किलो. आसानी से निवेश कीजिए और निश्चिंत रहिए. लेकिन पहले ये जान लीजिए कि रिजर्व बैंक की ये स्कीम क्या है...
निवेश के नजरिये से सोना सबसे सेफ माना जाता है क्योंकि कितनी भी उथल पुथल हो सोने की कीमत बढ़ती ही रहती है. लेकिन फिजिकल सोना खरीदने में कई अड़चने हैं. एक तरफ सोने की शुद्धता की चिंता. दूसरी ओर खरीदने और गहने बनवाने पर जीएसटी और मेकिंग चार्ज का भार. इस लिहाज से रिजर्व बैंक का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेशकों के लिए वाकई सुनहरा मौका है.
ये है इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा
इसका फायदा ये है कि इसके जरिये सोना खरीदना सस्ता पड़ता है. चूंकि ये पेपर फॉर्म में होता है, इसलिए इसके रखरखाव में खर्च नहीं करना पड़ता. बॉन्ड्स RBI की बुक्स में दर्ज रहते हैं या डीमैट फॉर्म में रहते हैं. क्योंकि इसे RBI जारी करता है लिहाजा सुरक्षा को लेकर भी चिन्ता नहीं होती. बॉन्ड की मेच्योरिटी 8 साल की होती है. बड़ा फायदा ये है कि इस दौरान आपको 2.5% की सालाना दर से ब्याज भी मिलता है. हालांकि इसे करदाता की अन्य सोर्स से इनकम में जोड़ा जाता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सभी बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, निर्धारित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE या BSE से खरीदा जा सकता है. अगर आप स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड बॉन्ड की यूनिट खरीदते हैं तो अमाउंटआपके डीमैट खाते से जुड़े अकाउंट से कट जाएगा. एक आदमी या हिंदू अविभाजित परिवार कम से कम 1 ग्राम और ज्यादा से ज्यादा 4 किलो तक की कीमत का बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और ऐसी ही दूसरी संस्थाओं के लिए ये सीमा 20 किलो सोने के बराबर कीमत तक रखी गई है. अच्छी बात ये है कि इसे नाबालिग के नाम पर भी खरीदा जा सकता है. यानी जो माता पिता बच्चों की पढ़ाई लिखाई, या शादी ब्याह के लिए निवेश करना चाहते हैं वो उनके नाम पर अप्लाई करके बॉन्ड खरीद सकते हैं.
सरकार नवंबर 2015 में पहली बार गोल्ड बॉन्ड योजना लेकर आई थी. इस योजना का मकसद फिजिकल सोने की मांग को कम करना साथ ही घरेलू बचत को वित्तीय बचत में बदलना है. यानी इससे निवेशकों को सस्ता सोना मिल जाता है तो वहीं अर्थव्यवस्था को भी फायदा होता है.