
ईकॉम्सर्स के लिए इस समय भारत में कई प्लैटफॉर्म मौजूद है. जब इतने ज्यादा प्लैटफॉर्म किसी एक ही चीज़ के लिए मौजूद हो, तो खुद को उन सबके बीच बनाए रखना काफी हद तक मुश्किल हो जाता है. ऐसा ही हाल अमेजन के साथ है. जहां एक तरफ अमेजन है, तो सामने फ्लिपकार्ट, जियोमार्ट, स्नैपडील, मिनत्रा और ना जाने कितने प्लैटफॉर्म मौजूद हैं.
अब ऐसी स्थिति में अमेजन के लिए यह काफी मुश्किल सा बन जाता है कि वह अपने कस्टूमर को लोयल बना के रखे. लोयलटी को क्रिएट करने के लिए उसे अपनी सर्विस को ओरों से बेहतर करना होगा. चार कदम ओरों से आगे चलना होगा. बता दें कि सर्विस को बेहतर करने के लिए अमेजन इंडिया इस साल 2000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. अब कहां खर्च होगा यह पैसा और कैसे बेहतर होगी सर्विस वो भी बताते हैं.
बनेंगे वेयरहाउस
वेयरहाउस एक लॉजिस्टिक कंपनी के लिए काफी अहम भूमिका निभाता है. यह वह जगह होती है जहां कंपनी का सामान स्टोर होता है. जितने ज्यादा कंपनी के वेयरहाउस होंगे, कंपनी के पास बैकअप में उतना ही माल होगा. अगर वेयरहाउस छोटे होंगे, तो सामान भी कम ही स्टोर किया जा सकेगा. इसलिए अमेजन इंडिया अपने वेयरहाउस की संख्या को भी बढ़ाएगा, जिससे उसके पास बैकअप में सामान मौजूद रहे. जिससे वेबसाइट पर सामान अनअवेलेबल ना दिखें.
बढ़ाई जाएगी स्टेशन हब की संख्या
स्टेशन हब को एक प्रकार समझा जा सकता है कि किसी ऑर्डर को वेयरहाउस से निकालने के बाद राज्य के स्टेशन हब पहुंचाया जाता है. यह उसके लिए एक और पड़ाव बनता है. यहां प्रोडक्ट को डिवाइड किया जाता है कि किसी सामान की डिलीवरी किस इलाके में की जाएगी. इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट्स का अलग किया जाता है.
डिलिवरी स्टेशन ज्यादा तो फास्ट डिलिवरी
अमेडन इंडिया डिलिवरी स्टेशन की संख्या को भी बढ़ाने के क्रम में काम करेगी. इससे किसी राज्य में ज्यादा डिलिवरी सेंटर होंगे. जिससे डिलिवरी का समय कम किया जा सकेगा. जहां पहले 1 डिलिवरी सेंटर से 10 इलाकों में डिलिवरी होती थी. उसकी ज्यादा सेंटर होने से डिलिवरी भी ज्यादा होंगी. इसके अलावा डिलिवरी राइडर्स को रोजगार भी मिलेगा. साथ ही प्रोडक्ट भी जल्दी डिलिवर होगा.
कुछ मिलाकर पूरी तरह से सर्विस के प्रोसेस को फास्ट बना दिया जाएगा. जिससे कस्टूमर अमेजन की तरफ लॉयल रहेगा और रिटेंशन उसकी बनी रहेगी. साथ ही अमेज़न एआई को भी जोड़ रहा है. जिससे काम करने के तरीके में बदलाव आएगा साथ ही तेज़ी आएगी. लेकिन यह तेज़ी कुछ लोगों को खटक रही है.
क्यों खटका एआई
अमेजन ने अपने कर्मचारियों को आदेश दिया है कि वह रिलोकेट कर लें. इससे अलग-अलग टीम के लोग एकसाथ होंगे और काम आसान होगा. लेकिन कुछ लोग रिलोकेट नहीं करना चाह रहे हैं. ऐसे में उनके सामने इस्तीफा देना ही विकल्प के तौर पर बचा है.
साथ ही साईओ एंडी जैसी ने कहा कि आने वाले दिनों में एआई काफी हद तक अमेजन के प्रोसेस में शामिल होगा. इससे आज अगर किसी काम के लिए 10 लोगों की जरूरत है, तो शायद तब 2 की बचे. यानी बाकी लोगों को किसी और काम में लगाया जाएगा या उनकी नौकरी जाएगी.
एंडी जैसी ने कहा है कि बेहतर है कि लोग वर्तमान स्थिति को देखते हुए खुद को एआई के लिए तैयार कर लें. इसके लिए वह ट्रेंनिंग लें, वर्कशॉप अटैंड करें, और एआई को सीखें.