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Success Story: कोरोना में नौकरी गंवाई... आज 50 लाख का टर्नओवर... मसाला फैक्ट्री शुरू किया महिलाओं को दिया रोजगार

गौरीगंज तहसील के छोटे से गांव रौजा के रहने वाले दिलीप कुमार दिल्ली में गार्ड की नौकरी करते थे. कोरोना काल में उनकी नौकरी छिन गई.

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कहते हैं कि अगर ठान लिया जाए तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के दिलीप कुमार ने. जो कभी रोजगार के लिए दर-दर भटकते थे और छोटी-मोटी नौकरी करके परिवार का गुज़ारा करते थे, वही आज अपनी खुद की फैक्ट्री के मालिक हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.

कोरोना काल में नौकरी छूटी
गौरीगंज तहसील के छोटे से गांव रौजा के रहने वाले दिलीप कुमार दिल्ली में गार्ड की नौकरी करते थे. कोरोना काल में उनकी नौकरी छिन गई. इसके बाद उन्होंने बहुत जगह नौकरी ढूंढी, लेकिन सफलता नहीं मिली. मजबूरी में उन्होंने छोटी-मोटी नौकरियां कर किसी तरह घर का खर्च चलाया.

आत्मनिर्भर भारत योजना से मिली राह
इसी दौरान उन्हें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना के बारे में जानकारी मिली. विभाग से पूरी जानकारी लेने के बाद उन्होंने इस योजना के तहत 10 लाख रुपये का कर्ज लिया और अपनी मसाला फैक्ट्री की शुरुआत कर दी. इस योजना के अंतर्गत उन्हें न केवल कर्ज आसानी से मिला बल्कि 35% की सब्सिडी भी प्राप्त हुई.

महिलाओं को मिला रोजगार
आज दिलीप कुमार की फैक्ट्री का टर्नओवर 50 लाख रुपये तक पहुंच चुका है. खास बात यह है कि उन्होंने अपने गांव की कई महिलाओं को फैक्ट्री में रोजगार दिया है. जो महिलाएं पहले पैसों के लिए दूसरों पर निर्भर थीं, वही अब घर का काम निपटाने के बाद फैक्ट्री में काम कर आत्मनिर्भर हो रही हैं.


दिलीप कुमार कहते हैं, "प्रधानमंत्री की इस योजना का लाभ हमें गरीबों को भी आसानी से मिल रहा है. इससे न सिर्फ मैंने खुद को खड़ा किया बल्कि गांव की कई महिलाओं को भी रोजगार दिया है. यह योजना हम युवाओं के लिए संजीवनी साबित हो रही है."

गांव की महिला गीता शर्मा बताती हैं, "पहले हमें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. अब गांव में ही रोजगार मिल गया है. घर का काम निपटाने के बाद यहां काम कर लेती हूं और अच्छी कमाई भी हो रही है."

(अभिषेक कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट)

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