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Apollo Success Story: 92 साल की उम्र में भी काम कर रहा है यह डॉक्टर, 71 अस्पताल और 5000 फार्मेसी के हैं मालिक, एक्टर राम चरण से है बहुत ही खास रिश्ता

1983 में अपोलो हॉस्पिटल्स की स्थापना कर डॉ. रेड्डी ने भारत में हेल्थकेयर क्षेत्र में एक नई शुरुआत की. यह देश का पहला कॉर्पोरेट हॉस्पिटल था.

Dr. Prathap C. Reddy Dr. Prathap C. Reddy

92 वर्ष की उम्र में भी डॉ. प्रताप सी. रेड्डी हर दिन नियमित रूप से काम करते हैं. सुबह 10 बजे ऑफिस पहुंचते हैं और शाम 5 बजे तक काम करते हैं, हफ्ते में छह दिन. आपको बता दें कि डॉ. रेड्डी अपोलो हॉस्पिटल्स के फाउंडर हैं. इस उम्र में भी काम के प्रति उनका समर्पण काबिल-ए-तारीफ है. 

पारिवारिक संबंध भी हैं खास
डॉ. रेड्डी सिर्फ एक प्रोफेशनल लीजेंड ही नहीं हैं, उनके पारिवारिक संबंध भी चर्चा में रहते हैं. वे तेलुगु सुपरस्टार राम चरण की पत्नी उपासना कामिनेनी के दादा हैं. यह परिवार आपस में गहरा जुड़ाव रखता है और उपासना कई बार अपने जीवन में मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए डॉ. रेड्डी को श्रेय देती हैं. 

भारत में हेल्थकेयर क्रांति के जनक
1983 में अपोलो हॉस्पिटल्स की स्थापना कर डॉ. रेड्डी ने भारत में हेल्थकेयर क्षेत्र में एक नई शुरुआत की. यह देश का पहला कॉर्पोरेट हॉस्पिटल था. इससे पहले, गंभीर सर्जरी या विशेषज्ञ इलाज के लिए भारतीयों को विदेश जाना पड़ता था. लेकिन डॉ. रेड्डी के विजन ने ग्लोबल लेवल हेल्थ सर्विसेज को भारत में सुलभ और किफायती बना दिया, जिससे भारत के हेल्थकेयर क्षेत्र में काफी बदलाव आया. 

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अमेरिका में की पढ़ाई
चैन्नई में जन्मे डॉ. रेड्डी ने स्टैनली मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई की और फिर कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए अमेरिका चले गए. वे वहां एक शानदार करियर की ओर अग्रसर थे, लेकिन 1970 के दशक की शुरुआत में उनके पिता के एक इमोशनल खत ने उन्हें भारत लौटने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया. यही निर्णय भारत के सबसे बड़े प्राइवेट हेल्थकेयर एंपायर की नींव बना. 

कैसे हुई अपोलो की शुरुआत 
साल 1979 में, एक मरीज की भारत में समय पर एड्वांस्ड ट्रीटमेंट न मिल पाने के कारण मौत हो गई. इस घटना ने डॉ. रेड्डी को गहराई से झकझोर दिया. उन्होंने यह ठान लिया कि अब कोई भी भारतीय सिर्फ इसलिए न मरे क्योंकि क्वालिटी हेल्थकेयर उपलब्ध नहीं है. इसी संकल्प से अपोलो हॉस्पिटल्स की शुरुआत हुई. 

एक अस्पताल से देशव्यापी नेटवर्क तक
चैन्नई में शुरू हुआ यह एक अस्पताल आज भारत का सबसे बड़ा और विश्वसनीय हेल्थकेयर नेटवर्क बन चुका हैय अपोलो हॉस्पिटल्स के पास आज 71 मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, 5000 से अधिक फार्मेसी आउटलेट्स, 291 प्राथमिक चिकित्सा व डायग्नोस्टिक क्लीनिक और एक डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म है. शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक, अपोलो ने हेल्थकेयर सर्विसेज को सुलभ और किफायती बनाया है, और आज यह नाम देशभर में विश्वास का प्रतीक बन चुका है. अपोलो हॉस्पिटल्स सिर्फ हेल्थकेयर में ही नहीं, आर्थिक दृष्टि से भी एक बड़ी ज्यादा है और यह भारत की टॉप हेल्थकेयर कंपनियों में से एक है. रेड्डी परिवार की इसमें 29.3% हिस्सेदारी है.

सरलता और सेवा की मिसाल
फोर्ब्स के अनुसार, डॉ. प्रताप सी. रेड्डी की कुल संपत्ति लगभग 26,560 करोड़ रुपये हैय फिर भी वे बहुत ही हैं और हल्थकेयर सर्विसेज सुधारने पर केंद्रित हैं. उनका असली लक्ष्य है जिंदगियां बचाना और एक स्वस्थ भारत का निर्माण करना. डॉ. रेड्डी ने एक इंटरव्यू में कहा था, "सफलता हमें विनम्र बनानी चाहिए और देश के लिए और अधिक करने की प्रेरणा देनी चाहिए." 92 की उम्र में भी वे रोज इस सिद्धांत को जीते हैं.