CarDekho Group Ceo Amit Jain
CarDekho Group Ceo Amit Jain सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला शो, शार्क टैंक इंडिया बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हुआ था. अब चैनल पर दूसरा सीजन लाया गया है. इस सीजन में शार्क्स के पैनल से अशनीर ग्रोवर के निकलने के बाद एक नए शार्क की एंट्री हुई है. इस शार्क का नाम है अमित जैन.
आपको बता दे कि अमित जैन आईटी एक्सटर्नलाइजिंग कंपनी गिरनारसॉफ्ट के सीईओ और को-फाउंडर हैं. इसी ग्रुप ने साल 2008 में CarDekho (कार देखो) लॉन्च किया था. कारदेखो वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन अपने यूजर्स को सही वाहन खरीदने में मदद करती है.
IIT दिल्ली से पढ़े हैं अमित जैन
अमित जैन का जन्म और पालन-पोषण भारत में हुआ है. उनकी मां, नीलमा जैन एक गृहिणी हैं और उनके पिता स्वर्गीय श्री प्रशांत जैन एक पूर्व आरबीआई अधिकारी थे और एक रत्न व्यवसायी भी थे. उन्होंने जयपुर और दिल्ली में अपनी शिक्षा पूरी की. अमित ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, जयपुर में पूरी की और 1999 में IIT दिल्ली से ग्रेजुएशन की.
साल 1999-2000 में, अमित ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया. उसके बाद, उन्होंने लगभग 6 साल 11 महीने तक ट्रायोलॉजी में एक वरिष्ठ सहयोगी, वितरण प्रबंधक और उत्पाद प्रबंधक के रूप में काम किया.
भाई के साथ मिलकर शुरू किया अपना बिजनेस
साल 2007 में अमित ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर गिरनारसॉफ्ट नाम की एक कंपनी की स्थापना की और इसके बाद, 2008 में उन्होंने कारदेखो लॉन्च किया. अमित और उनके भाई ने एक आईटी-आधारित फर्म के माध्यम से एक मिलियन-डॉलर की कंपनी स्थापित करने का सपना देखा और उनकी मेहनत रंग लाई. क्योंकि उनके ऑनलाइन वेंचर कारदेखो ने भारी मुनाफा कमाया.
आपको बता दें कि अमित और उनके भाई ने अपने घर पर एक छोटे से गैराज से शुरुआत की थी. उन्होंने एक आईटी आउटसोर्सिंग फर्म स्थापित करने का सपना देखा और जल्द ही 20 लोगों की एक टीम ने उनके लिए काम करना शुरू कर दिया. कंपनी का पहला साल लाभदायक साबित हुआ. लेकिन 2009 में जब शेयर बाजार में गिरावट आई तो कंपनी दिवालिया हो गई.
नहीं मानी हार
कंपनी की खराब हालत के बावजूद अमित जैन ने हार नहीं मानी है. तब दोनों भाइयों ने दोनों भाइयों ने एक ऑनलाइन वेंचर कारदेखो के बारे में सोचना शुरू किया. कारदेखो को लॉन्च करने का विचार तब आया जब वे दिल्ली में ऑटो-एक्सपो में शामिल हुए. जरूरी हिसाब-किताब करने के बाद उन्हें पता चला कि इस ऑनलाइन वेंचर से वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने कारदेखो को एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट के रूप में लिया.
उनकी सबसे बड़ी सफलता यही रही कि उन्होंने कारदेखो की कभी कोई मार्केटिंग नहीं की लेकिन फिर भी यह पॉपुलर है. यह अब भारत का नंबर एक ऑटोटेक पोर्टल और राजस्थान का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गया है. कंपनी के पास 35 मिलियन से अधिक मंथली यूजर्स, 6000+ मासिक प्रयुक्त कारों की बिक्री, और 3000+ नई कारों की मासिक बिक्री करती है. कारदेखो अक्टूबर 2021 में अपने सीरीज ई फंडिंग राउंड में 250 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद भारत में एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गया, जिससे इसका मूल्यांकन 1.2 बिलियन डॉलर हो गया.