
Compounding of Income Tax Offenses: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अपराधों के कंपाउंडिंग से जुड़े नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं. बता दें कि बदलावों में अधिनियम की धारा 276 के तहत अपराध को कंपाउंडेबल बना दिया गया है, इसके तहत जिन आवेदक को 2 साल या उससे कम की सजा हुई है. उसे अब कंपाउंडेबल (Compoundable) की कैटेगरी में रख दिया गया है. बता दें कि पहले 2 साल तक की सजा भी गैर-कंपाउंडेबल (Non Compoundable) थी.
इस बदलाव के तहत अगर किसी आवेदक को आर्थिक गड़बड़ी की वजह से 2 साल की सजा होती है तो वह इसके बदले में जुर्माना देकर छूट सकता है. यह नियम संपत्ति को छुपाने, धोखा देने, संपत्ति को छुपाना, किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर संपत्ति का ट्रांसफर कराना वगैरह के मामलों पर लागू होगा.
CBDT ने जारी किया नोटिफिकेशन
मालूम हो कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने 16 सितंबर 2022 को इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन (CBDT Notification) ये बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति ऐसी आर्थिक अपराध या गड़बड़ी करता है तो पहले नियम के मुताबिक उसे 2 साल से कम की सजा का प्रावधान था, यानी ये पहले गैर कंपाउंडेबल अपराध था लेकिन अब वो इसके लिए लिए कंपाउंडेबल का एप्लीकेशन भेज सकता है. इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने एप्लीकेशन प्रोसेस को बेहद आसान बना दिया है. यानी लोग आसानी से कंपाउंडेबल अपराध के लिए आवेदन कर पाएंगे.
कंपाउंडेबल शुल्क में किया गया इजाफा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) ने 3 महीने की कंपाउंडेबल ब्याज दर में भी इजाफा किया है, बता दें कि जुर्माना 2 प्रतिशत से बढ़कर 3 प्रतिशत हो गया है. साथ ही 3 महीने से ज्यादा के जुर्माने में कमी की गई है. इस कदम देश में इज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of doing Business) को बढ़ावा मिलेगा.