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दिल्ली का करोड़पति Chole Kulche Wala! खाने के लिए सुबह से ही लगती है लंबी लाइन

साल 1956 में अलीगढ़ से दिल्ली आए सिया राम ने जब इस स्टॉल की शुरुआत की थी, तब शायद उन्होंने खुद भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका नाम दिल्ली के सबसे लजीज स्ट्रीट फूड वेंडर्स में शुमार होगा.

Chole Kulche Vendor Siya Ram Chole Kulche Vendor Siya Ram
हाइलाइट्स
  • मिल चुका है बेस्ट स्ट्रीट फूड का अवॉर्ड 

  • हर सुबह की शुरुआत होती है कुल्चों की महक से

दिल्ली के लाजपत नगर के सेंट्रल मार्केट की दौड़ती-भागती भीड़ में एक ऐसा ठेला है, जहां खाने वालों की लाइन कभी कम नहीं होती. कपड़ों की दुकानों, शोरगुल और स्ट्रीट वेंडर्स के बीच एक सादा-सा स्टॉल, लेकिन इसकी खुशबू आपको दूर से ही खींच लाएगी. ये ठेला है ‘सिया राम चोले-कुलचे’ का. जो बीते 68 सालों से लोगों के दिल और पेट को सूकून दे रहा है. इस स्टॉल से निकलने वाली छोले कुल्चे की खुशबू लोगों का दिल ऐसा मोह लेती है कि कोई बिना खाए नहीं रह पाता.

मिल चुका है बेस्ट स्ट्रीट फूड का अवॉर्ड 
साल 1956 में अलीगढ़ से दिल्ली आए सिया राम ने जब इस स्टॉल की शुरुआत की थी, तब शायद उन्होंने खुद भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका नाम दिल्ली के सबसे लजीज स्ट्रीट फूड वेंडर्स में शुमार होगा. तब उनके पास न कोई बड़ी दुकान थी, न संसाधन. सिर्फ एक कोयले की अंगीठी और एल्युमिनियम की हांडी में वो छोले कुल्चे तैयार करते थे. इन छोले कुल्चों की खास बात ये थी कि इन्हें बनाने के लिए 32 मसालों का इस्तेमाल किया जाता था. 1982 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी Jail Singh ने भी उनके चोले कुल्चे को दिल्ली का बेस्ट स्ट्रीट फूड का अवॉर्ड दिया था. आज भी इसका स्वाद वैसे ही बरकरार है. इसी दुकान की बदौलत वो आज करोड़पति हैं.

हर सुबह की शुरुआत होती है कुल्चों की महक से
लाजपत नगर में सुबह का सूरज उगने से पहले ही हवा में सिया राम के छोले की खुशबू घुल जाती है. हांडी में धीमी आंच पर पकते हुए छोले, उस पर हरा धनिया, कटा हुआ अदरक और खट्टे आम की चटनी... ये कोई साधारण नाश्ता नहीं, बल्कि इसका स्वाद चख चुके लोगों के लिए तो मानो जन्नत है. एक तरफ से गर्मागर्म छोले की खुशबू वहीं दूसरी तरफ तवे पर सुनहरे रंग में पकते कुल्चे. अमूल का मक्खन देखकर किसी का मन नहीं करता कि कुल्चे का स्वाद चखे बिना वहां से जाएं.

 

रोजाना बिकती हैं 5,000 प्लेटें
सिया राम के यहां रोजाना करीब 5,000 प्लेटें बिकती हैं, लेकिन फिर भी सिया राम की सर्विस में कोई कमी नहीं आती. लोग लंबी लाइनों में लगकर इसका स्वाद चखने आते हैं और हां, जो लोग दुकान पर खा नहीं पाते, उनके लिए छोले कुल्चों को पैक करके दिया जाता है. 

कीमत ऐसी कि हर कोई खा सकता है
बढ़ती महंगाई के दौर में सिया राम का छोला कुल्चा मात्र 60 रुपये में मिलता है. यह कीमत इतनी किफायती है कि यहां ऑफिस के कर्मचारी से लेकर बाजार के खरीददार तक हर कोई अपनी भूख मिटाने यहां जरूर आता है. दिल्ली के दिल में ये छोटी सी दुकान हर उस इंसान की भूख बुझाती है, जो असली स्वाद के पीछे भागता है. अगर कभी दिल्ली घूमने का मौका मिले, तो लाजपत नगर के सिया राम के छोले कुल्चे जरूर ट्राई करें.