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Tips to manage finances after a job layoff: छंटनी के दौर में न करें पैसों की चिंता, इन टिप्स को फॉलो कर मैनेज करें अपनी आर्थिक स्थिति

भारत के साथ दुनियाभर में इस वक्त छंटनी का दौर चल रहा है. कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल रही हैं. ऐसे में अपनी आर्थिक स्थिति को मैनेज करना कर्मचारियों के लिए बेहद जरूरी है. एक्सपर्ट्स में फाइनेंस मैनेज करने के लिए कुछ टिप्स बताए हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से सबकुछ मैनेज कर पाएंगे.

छंटनी के दौर में न करें पैसों की चिंता छंटनी के दौर में न करें पैसों की चिंता
हाइलाइट्स
  • खर्चों को तीन कैटेगरी में बांटे

  • शॉर्ट टर्म फंड्स से निकाले पैसे 

छंटनी के इस दौर में कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं. मेटा, ट्विटर, अमेज़ॅन, माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गजों के बाद, भारतीय कॉर्पोरेट्स भी हजारों कर्मचारियों को निकाल रहे हैं. स्विगी ने घोषणा की कि वह अपनी सबसे पहले 380 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने जा रही हैं. इसी लिस्ट में कस्टमर इंगेजमेंट प्लेटफॉर्म एक्सोटेल का भी नाम आता है, जिसने अपने 15 प्रतिशत कर्मचारियों को निकालने का ऐलान किया है. ऐसे में छंटनी में नौकरी खोने वालों के लिए सबसे बड़ी चिंता है फाइनेंस मैनेज करना. 

एक बार नौकरी जाने के बाद दूसरी नौकरी आपको जरूर मिल जाएगी, लेकिन एक नौकरी से दूसरी नौकरी पर स्विच करने के बीच जो समय होगा उसमें आपकी आर्थिक स्थिति को मैनेज करना भी एक चैलेंज है. आप बेशक इस स्थिति से बच नहीं सकते, लेकिन फाइनेंस मैनेज करके अपने परिवार की आर्थिक रूप से रक्षा कर सकते हैं. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने पैसे बचाने के लिए कुछ तरीके सुझाएं, चलिए इनके बारे में जान लीजिए.

खर्चों को तीन कैटेगरी में बांटे
पहला सही कदम है अपने खर्चों का हिसाब रखना. एक्सपर्ट्स की मानें तो सबसे पहले अपने खर्चों को तीन कैटेगरी में बांट लें. सबसे पहले वो खर्चे, जिन्हें रोका नहीं जा सकता है, यानी की जो बेहद जरूरी हैं. दूसरे वो खर्चे जो आपको खर्च करना अच्छा लगता है, जैसे दोस्तों के साथ घूमने के लिए इस्तेमाल होने वाले खर्चे. तीसरे वो खर्चे जिनके बिना भी काम चलाया जा सकता है. एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (एआरआईए) के बोर्ड सदस्य लोवई नवलखी कहते हैं, "अगले 3-6 महीनों के लिए पहली 2 कैटेगरी वाले ही खर्च करें और पैसे को संभाल कर रखें."

खर्च कंट्रोल में करें
श्वेता जैन, बेंगलुरु की एक वित्तीय योजनाकार, कहती है, “पहले उन सभी खर्चों में कटौती करें जो अनिवार्य नहीं हैं. अगर आपका खर्च नियंत्रण से बाहर है तो क्रेडिट कार्ड बंद कर दें. केवल वही खर्च करें जो बेहद जरूरी हो. अगले कुछ महीनों के लिए आपकी कितनी आय है, इसका पता लगाएं. सबसे पहले पता करें कि आपके पास ऐसे कौन से ऐसेट हैं, जिन्हें लिक्वीडेट किया जा सकता है. अपनी ईएमआई का भी हिसाब रखें, और हो सके तो उन पर कुछ दिन की रोक लगा दें.

शॉर्ट टर्म फंड्स से निकाले पैसे 
चूँकि आपके पैसों का रेगुलर सोर्स रुक गया है, तो ऐसे में अगली चुनौती आपके दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन होने की है. इसके लिए आप अपने शॉर्ट टर्म फंड्स को तोड़ सकते हैं, हालांकि लॉन्ग टर्म फंड्स को हाथ भी न लगाएं. ऐसे फंड को लिक्वीडेट करें, जिसमें कम से कम लागत लगे, कोई एग्जिट लोड न लगे.

तुरंत बंद कर दें एसआईपी
यह सुनिश्चित करें कि आप इस उद्देश्य के लिए रखी गई इमरजेंसी फंड का उपयोग करें न कि आपकी दीर्घकालिक संपत्ति, ये आपके के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. लेकिन लंबी अवधि के निवेश को खत्म न करें. पहले एफडी और बचत खातों का उपयोग करें, फिर किसी भी अन्य ऋण उत्पादों का उपयोग करें जो आपके पास तरल या ऋण म्यूचुअल फंड हों. अंत में इक्विटी, ईपीएफ और सोना होगा. सभी एसआईपी तुरंत बंद कर दें क्योंकि यह लंबे समय तक बंद नहीं रहना चाहिए और अगर आप पैसे निकालते हैं तो आप पर जुर्माना लग सकता है.'

फिजूलखर्ची करने से बचें
विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि फिजूलखर्ची एक ऐसी चीज है जिससे आपको दूर रहना चाहिए क्योंकि लोग उदास महसूस करते समय अधिक खर्च करते हैं. जैन कहते हैं, "लोग पैसे खर्च करते हैं क्योंकि वे उदास महसूस करते हैं और उनके पास बहुत समय होता है और ऋण लेते हैं या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं और पूरी राशि का भुगतान नहीं करते हैं. लोग किसी भी या सभी निवेशों को यह सोचकर नष्ट कर देते हैं कि उन्हें तुरंत इसकी आवश्यकता होगी, ऐसा नहीं है. अगर आपके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है तो ही इक्विटी जैसी अपनी लंबी अवधि की संपत्ति को लिक्विडेट करें. ईएमआई अवकाश लेने से पहले ऋण पर प्रभाव का मूल्यांकन करें और फिर निर्णय लें.” 

जल्दबाजी में न लें फैसले
नवलखी का कहना है कि अक्सर लोग यह सोचकर गलत फैसले कर लेते हैं कि यह हमेशा के लिए चलेगा ऐसे फैसले करना जो अपरिवर्तनीय हैं. जैसे सभी इक्विटी से बाहर निकलना क्योंकि कोई जोखिम लेने के बारे में नहीं सोच सकता. ऐसे में सबसे जरूरी है अपने समय का पूरा इस्तेमाल करना. यहां तक की आप अपने किसी शौक या हॉबी से भी पैसे कमा सकते हैं. ऐसे कामों में खुद को व्यस्त रखें.