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Dry Fruits Prices: ईरान-इजरायल युद्ध से ड्राई-फ्रूट की कीमतों पर असर, सावन का महीना शुरू होने से पहले ही बढ़ीं कीमतें

सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है और इस दौरान करीब एक महीने तक लोग व्रत रखते हैं और फल, ड्राई-फ्रूट या सेंधा नमक का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.

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ईरान और इजरायल के बीच भले ही सीजफायर हो गया हो लेकिन इन दोनों देशों के बीच युद्ध का असर ड्राई-फ्रूट मार्केट पर दिखने लगा है. सावन का महीना आने वाला है और उससे ठीक पहले ईरान पोर्ट से आने वाले ड्राई-फ्रूट की सप्लाई पर असर के चलते मार्केट में इनकी कीमत बढ़ना शुरू हो गई है. 

सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है और इस दौरान करीब एक महीने तक लोग व्रत रखते हैं और फल, ड्राई-फ्रूट या सेंधा नमक का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. लेकिन ईरान और इजरायल के बीच छिड़े युद्ध ने इनकी कीमतों पर बड़ा असर डाला है और अब इनका स्वाद आपकी जेब ढीली कर सकता है. आपको मालूम ही होगा कि देश में ज्यादातर ड्राई-फ्रूट विदेश खासतौर से ईरान और अफगानिस्तान से आते हैं, लेकिन इन दिनों ईरान-इजरायल युद्ध का बड़ा असर ईरान और अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई-फ्रूट की सप्लाई पर पड़ा है जिससे उनकी कीमतें बढ़ने लगी है. 

युद्ध की वजह से रुकी सप्लाई
भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महामंत्री और CAIT के पूर्व प्रवक्ता विवेक साहू का कहना है कि अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई-फ्रूट समेत ईरानी पिस्ता और सेंधा नमक जो ईरान के पोर्ट से भारत आता था वह युद्ध की वजह से रुका पड़ा है. व्यापारियों के मुताबिक युद्ध शुरू होने से पहले और अब की स्थिति में सावन के महीने में इस्तेमाल होने वाली चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी साफ देखी जा सकती है. 

बढ़ रही हैं कीमतें 
युद्ध शुरू होने से पहले 31 मई की बात करें तो भोपाल के बाजार में 
सेंधा नमक 14 ₹ प्रति किलो, ईरानी पिस्ता 1400 ₹ प्रति किलो, मामरा बादाम 2200 ₹ प्रति किलो और केसर 1,80,000 ₹ प्रति किलो बिक रहा था. जबकि 24 जून को कीमतें बढ़कर सेंधा नमक 35 ₹ प्रति किलो, ईरानी पिस्ता 2000 ₹ प्रति किलो, मामरा बादाम 3400 ₹ प्रति किलो और केसर 2,10,000 ₹ प्रति किलो हो गया. 

भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के विवेक साहू के मुताबिक यह सभी चीजें सावन के महीने में व्रत के दौरान सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आती हैं और यही हालात रहे तो उनकी कीमत अभी आगे और बढ़ सकती है. आने वाले 5 महीने अब त्यौहार से भरे रहने वाले महीने रहेंगे, जिसमें सावन का महीना, रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, नवरात्र, दशहरा और दिवाली जैसे बड़े त्योहार है. लिहाजा अगर सप्लाई सुचारू रूप से शुरू नहीं हुई तो आपको इस बार महंगे त्यौहार मनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)