Errol Musk
Errol Musk पर्यावरण संरक्षण की जरूरत को देखते हुए आज दुनिया भर के देश ऊर्जा के नए विकल्पों को तलाशने और उन्हें मुख्यधारा में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत भी इसमें तेजी से कदम बढ़ा रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के मामले में उसने विश्व में चौथा स्थान हासिल कर लिया है. इस उपलब्धि को पाने में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र का भी बराबर योगदान रहा है.
ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे संस्थान और उद्यम अपने स्तर पर प्रमुखता से रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों पर फोकस कर रहे हैं. इस क्षेत्र भारत को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया के नंबर वन बिजनेसमैन एलन मस्क के पिता एरोल मस्क इस समय भारत में हैं. सोमवार को उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में वैकल्पिक ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे से मुद्दों पर भारत का समर्थन किया.
बिजनेस जुड़े अनुभवों को भी किया साझा
सर्वोटेक रिन्यूएबल के ग्लोबल एडवाइजरी मेंबर एरोल मस्क ने होटल ताज पैलेस में आयोजित इंडिया ग्लोबल ग्रीनटेक विजन फोरम 2025 को संबोधित किया और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. इसी कड़ी में एरोल मस्क 5 जून को अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस पर आयोजित होने वाले एक पौधरोपण अभियान में भी शामिल होंगे. अपने संबोधन में एरोल मस्क ने बिजनेस से जुड़े अनुभवों को भी साझा किया और भविष्य में आने वाली चुनौतियों की चर्चा की. टेस्ला और स्पेसX के सीईओ एलन मस्क के पिता एरोल मस्क 4 जून को अयोध्या स्थित श्रीरामलला मंदिर में दर्शन करने पहुंचेंगे.
ग्लोबल फोरम का क्या है उद्देश्य
ग्लोबल फोरम के आयोजक सर्वोटेक रिन्यूएबल के एमडी रमन भाटिया ने कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, पीएम सूर्य घर, पीएम-कुसुम और सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजनाएं जैसी सक्रिय पहल, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करते हुए, ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर मोदी सरकार के रणनीतिक फोकस को दर्शाती हैं.
भाटिया ने कहा कि ग्लोबल फोरम का उद्देश्य भारत को हरित प्रौद्योगिकियों और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में ग्लोबल लीडर बनने के लिए रणनीतिक प्रयास को बढ़ावा देना है. उन्होंने इस फोरम उद्योगों और सरकार के साथ प्रीमियर नेटवर्किंग का एक बड़ा अवसर बताया. फोरम में 250 से ज्यादा बड़े बिजनेसमैन, इन्वेस्टर्स और पॉलिसी मेकर्स ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए.