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Interesting Facts related to Budget: देश के पहले बजट से लेकर बही खाते तक, जानिए बजट के जुड़ी दिलचस्प बातें

Interesting Facts related to Budget: हर साल 1 फरवरी को देश के वित्त मंत्री बजट पेश करते हैं और इस दिन का देश के हर तबके के लोगों को इंतजार रहता है.

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हाइलाइट्स
  • आजादी के बाद से अब तक कुल 74 वार्षिक बजट पेश किए जा चुके हैं

  • सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है

हर साल 1 फरवरी का लोगों को इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन वित्त मंत्री देश का बजट पेश करते हैं. बजट से हर तबके के लोगों को उम्मीदें रहती हैं क्योंकि यहां से तय होता है कि आने वाले समय में लोगों की जेब का क्या हाल रहेगा. हर एक सेक्टर के लिए देश का बजट बहुत मायने रखता है. 

देश आजाद होने के बाद से अब तक कुल 74 वार्षिक बजट पेश किए जा चुके हैं. इसके अलावा 14 अंतरिम बजट और चार विशेष बजट या लघु बजट पेश किए जा चुके हैं. बजट देश के लिए जितना बड़ा इवेंट है, उतना ही दिलचस्प भी है. 

पहली बार कब हुआ बजट शब्द का इस्तेमाल
बताया जाता है कि 'बजट' शब्द का पहला प्रयोग साल 1733 में सर रॉबर्ट वालपोल ने प्रधान मंत्री और राजकोष के चांसलर के रूप में किया था. उस समय वालपोल का एक कार्टून पब्लिश हुआ जिसमें वह एक पेटेंट दवा विक्रेता के माल को खोलते हुए दिखे और इसका कैप्शन था 'द बजट ओपनेड.' आपको बता दें कि 'Budge' शब्द का मतलब बैग से है. 

मध्य फ्रांसीसी बौगेट से, बजट का अनुवाद "लैदर पाउच" के रूप में किया गया, जब इसे पहली बार 15 वीं शताब्दी की शुरुआत में इस्तेमाल किया गया था. यह शायद सोने के सिक्कों को रखने के लिए लैदर का पाउच था. लेकिन 1733 में इसने विशेष फाइनेंशियल मतलब ले लिया. 

दुनिया का पहला बजट
यह पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण टूल के रूप में उभरा था. भारतीय प्रशासन के ईस्ट-इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन को दिए जाने के दो साल बाद 7 अप्रैल, 1860 को पहली बार बजट पेश किया गया था. बजट पेश करने वाले पहले वित्त सदस्य जेम्स विल्सन थे.

विश्वसनीय बजट, जिन्हें वैधानिक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष) के बजट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो संसद द्वारा ऑडिट योग्य होते हैं, पहली बार 1572 में नीदरलैंड में, 1689 में इंग्लैंड में, 1830 में फ्रांस में, 1848 में डेनमार्क, पीडमोंट और प्रशिया में, 1851 में पुर्तगाल में, 1866 में स्वीडन में, 1867 में ऑस्ट्रिया और 1876 में स्पेन में पेश किए गए थे. 

आजाद भारत का पहला बजट
आजादी के बाद, देश का पहला केंद्रीय बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ और राष्ट्र का पहला बजट तीन महीने बाद 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया. 

आजादी से पहले, यह ब्रिटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन थे जिन्होंने 1860 में भारत के लिए पहला बजट पेश किया था. विल्सन ने 18 फरवरी, 1860 को अपना बजट पेश किया. उन्होंने तीन तरह के टैक्स पेश किए- इनकम टैक्स, लाइसेंस टैक्स और तंबाकू ड्यूटी. हालांकि, केवल पहला ही पारित हुआ, क्योंकि अन्य दो को भारत के गवर्नर-जनरल चार्ल्स कैनिंग की मांग पर हटा दिया गया था. 

किसने शुरू की जीरो बजटिंग 
जीरो-आधारित बजट 1970 के दशक में टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स के पूर्व लेखा प्रबंधक पीट पायर्र ने विकसित किया था. जीरो बेस बजटिंग का मूल लक्ष्य संगठनों को लागत कम करने और वित्तीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में मदद करना था. शून्य-आधारित बजट के साथ, बजट हर साल जीरो से शुरू होता है. 

भारत में जीरो बेस बजटिंग (ZBB) का प्रयोग पहली बार अप्रैल 1987 से किया गया. यह एक व्यय बजट निर्धारित करने की एक तकनीक है जिसमें नई अवधि के लिए सभी खर्च जीरो होने चाहिए. पिछले वर्ष के बजट का कोई संदर्भ नहीं होता है. यह 1983 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत शुरू किया गया था. 

भारत में सबसे ज्यादा बजट किसने पेश किया
इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. 1962-69 में वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 10 बजट पेश किए, इसके बाद पी चिदंबरम ने 9 बजट, प्रणब मुखर्जी ने 8, यशवंत सिन्हा ने 8 और मनमोहन सिंह ने 6 बजट पेश किए हैं. 

अब तक सबसे ज़्यादा शब्दों वाला बजट भाषण देने का रिकॉर्ड मनमोहन सिंह के नाम है. 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 18,650 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था. तो वहीं अरुण जेटली ने 2018 में 18,604 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था. इस भाषण की अवधि 1 घंटा 49 मिनट थी. जबकि सबसे छोटे बजट भाषण का रिकॉर्ड वित्त मंत्री हीरूभाई मुल्लीभाई पटेल के नाम है. पटेल ने 1977 में केवल 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था. 

इनकम टैक्स से जुड़ा वाकया 
साल 1955-56 के केंद्रीय बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने शादीशुदा और अविवाहितों के लिए अलग-अलग इनकम टैक्स स्लैब पेश किया था. साल 1955-56 के यूनियन बजट में देशमुख ने कहा था कि शादीशुदा लोगों के लिए 1,500 रुपये का मौजूदा टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 2,000 रुपये किया जा रहा है. अविवाहितों के लिए इसे घटाकर 1,000 रुपये किया गया था. दरअसल फैमिली अलाउंस की स्की म शुरू करने के लिए ऐसा किया गया था।.

साल 1955 तक केंद्रीय बजट केवल अंग्रेजी भाषा में ही छपता था. लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार ने बजट दस्तावेजों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में  छापने का निर्णय लिया था. इसी तरह ब्रिटिश शासन से लेकर साल 1999 तक बजट एक ही निर्धारित तारीख और समय पर पेश किया जाता रहा. जिसके हिसाब से केंद्रीय बजट फरवरी के अंतिम दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था. वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने साल 1999 में बजट पेश करने का समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था, तो वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में बजट पेश करने की तारीख को बदलकर 1 फरवरी कर दिया था. 

ब्रीफकेस से बही खाता 
बजट को पहले एक बजट ब्रीफकेस में रखा जाता था. पुरानी पीढ़ी ने बजट भाषणों से पहले कई वित्त मंत्रियों के हाथों में उस बजट ब्रीफकेस को देखा है. लेकिन 2019 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे एक बही खाते से बदल दिया, जिसपर राष्ट्रगान लिखा हुआ था.

इसी तरह बजट से जुड़ी एक खास रस्म है हलवा बनाने की रस्म. बजट पेश होने से कुछ दिन पहले होने वाली इस रस्म के दौरान वित्त मंत्री की मौजूदगी में हलवा बनता है. वित्त मंत्री हलवे के इस बड़े बर्तन में कड़छी चलाते हैं. इसके बाद मंत्रालय के प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के सदस्यों को मिठाई मिलती है.