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Success Story: वेटर का करते थे काम... फिर अमेरिकी ब्रांड को किया रिवाइव... आज 250 रेस्टोरेंट्स के मालिक

Drexel University में फाइनेंस और मार्केटिंग में डबल मेजर करने के बावजूद, अमोल ने समर वेकेशन में लगातार Friendly’s में काम किया.

Friendly's Restaurant (Photo: Wikipedia/Linkedin) Friendly's Restaurant (Photo: Wikipedia/Linkedin)

अमेरिका की रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर 37 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी उद्यमी, अमोल कोहली अपनी छाप छोड़ चुके हैं. अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सिर्फ 1.5% आबादी है, लेकिन कोहली जैसे लोग इस देश के व्यवसाय और विकास में बड़ा योगदान देते हैं.

शुरुआत बहुत ही साधारण
2003 में, फिलाडेल्फिया में पढ़ाई कर रहे हाई स्कूल छात्र अमोल कोहली ने Friendly’s रेस्टोरेंट में वेटर के रूप में काम शुरू किया. उन्हें पांच डॉलर प्रति घंटा मिलते थे. उस समय वह कभी किचन में खाना बनाते, कभी बर्तन धोते, कभी टेबल साफ़ करते और कभी आइसक्रीम सर्व करते. कोहली ने इसे केवल पैसे कमाने का जरिया नहीं बल्कि व्यवसाय को समझने का अवसर माना. Drexel University में फाइनेंस और मार्केटिंग में डबल मेजर करने के बावजूद, उन्होंने समर वेकेशन में लगातार Friendly’s में काम किया. यहां उन्होंने न सिर्फ ग्राहक सेवा बल्कि रेस्टोरेंट के इंश्योरेंस, पेरोल, खाद्य लागत और मुनाफे जैसी बारीकियां भी सीखीं.

पहला बड़ा कदम: फ्रेंचाइजी मालिक बनना
2011 में स्नातक होने के बाद, कोहली ने फाइनेंस क्षेत्र की नौकरी की बजाय Friendly’s में रीजनल मैनेजर का पद चुना. कुछ साल बाद उन्होंने अपनी पहली फ्रेंचाइजी खरीदी, जिसमें लगभग 2.5 लाख डॉलर का निवेश हुआ. यह उनके फ्रेंचाइजिंग करियर की शुरुआत थी. धीरे-धीरे उन्होंने 31 फ्रेंचाइजी लोकेशन्स तक का नेटवर्क स्थापित किया.

अब हैं पूरी चेन के मालिक
22 जुलाई 2025 को, कोहली की इन्वेस्टमेंट कंपनी Legacy Brands International ने Friendly’s और उसकी पैरेंट कंपनी Brix Holdings सहित 6 अन्य रेस्टोरेंट ब्रांड्स का अधिग्रहण किया. अब उनके पोर्टफोलियो में 250 से अधिक आउटलेट्स हैं, जिनमें Friendly’s के अलावा Clean Juice, Orange Leaf, Red Mango, Smoothie Factory, Souper Salad और Humble Donut Co. शामिल हैं.

चुनौतियों का सामना
कोहली के सामने सबसे बड़ी चुनौती घटती लोकेशन्स और बिक्री में कमी है. 1990 के दशक में Friendly’s की 800 से अधिक लोकेशन्स थीं, जबकि अब केवल 100 से अधिक बची हैं. उन्होंने इसे रिवाइव करने के लिए मोबाइल ऐप और नई टेक्नोलॉजी का सहारा लेने की योजना बनाई है.

कोहली यह साबित करते हैं कि entry-level जॉब्स भी लंबे समय तक करियर का रास्ता दे सकते हैं. उनकी टीम के कई सदस्य पहले डिशवॉशर और कुक थे, जो आज कंपनी के उच्च पदों पर हैं. अमोल कोहली की कहानी यह संदेश देती है कि यदि मेहनत, लगन और सीखने की इच्छा हो, तो छोटे पद से शुरुआत करके भी बड़े सपनों को सच किया जा सकता है.

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