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चीन से मुंह मोड़ रही है दुनिया, कारोबार का नया केंद्र बनता जा रहा भारत

बिजनेस एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म सीबी इनसाइट्स के मुताबिक, भारत में वेंचर कैपिटल इनफ्लो साल के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) में 19.5 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था.

हाइलाइट्स
  • भारत में वेंचर कैपिटल इनफ्लो अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर.

  • चीन की चमक में आई कमी.

भारत में इन दिनों दुनियाभर की तमाम बड़ी कंपनियां इनवेस्टमेंट कर रही हैं. निक्केई एशिया (Nikkei Asia) ने रविवार को बताया कि भारत को दुनिया भर की फर्मों से निवेश मिल रहा है, जो देश के स्टार्टअप्स के विकास के लिए एक बड़ा योगदान साबित हो सकता है. ये आंकड़े स्टार्टअप ट्रैकर Tracxn के डेटा रिपोर्ट पर आधारित है. निक्केई ने इस विकास का श्रेय चीन की चमक में आई कमी को दिया, जो भारत के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. 

निक्केई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 211 फंडों ने इस साल भारत में पहली बार निवेश किया, जोकि पिछले साल हुए निवेशों की तुलना में 64 ज्यादा है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि आंद्रेसेन होरोविट्ज, टीसीवी, विट्रुवियन पार्टनर्स और जीएसवी वेंचर्स ने इस साल भारत में निवेश किया. 2014 में भारत छोड़ने वाला सिलिकॉन वैली फंड क्लेनर पर्किन्स एक बार फिर से भारतीय बाजार में उतरा है. 

चीन का मार्केट हुआ प्रभावित

Tracxn के आंकड़ों का हवाला देते हुए, Nikkei Asia ने कहा कि 597 कैपिटल फर्मों ने इस साल अब तक 2,284 सौदे किए हैं. चीन की स्थिति के बारे में बात करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के तकनीकी क्षेत्र पर नियामक कार्रवाई ने एशिया में ग्लोबल इन्वेस्टर्स की पहली पसंद रहे चीन को प्रभावित किया है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, पिछले नवंबर में जैक मा ग्रुप के दिग्गजों - एंट ग्रुप और अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग के साथ शुरू हुआ अभियान जल्द ही Tencent Holdings और Didi Global जैसी कंपनियों में फैल गया. इसके पीछे चीन का एंटी ट्रस्ट से लेकर डेटा सुरक्षा और धन वितरण तक हर चीज पर नजर रखने को जिम्मेदार माना जा रहा है.

ऑनलाइन सेवाओं को तेजी से अपनाने के कारण बढ़ी भारत की चमक
 
ब्लूमबर्ग ने कहा कि इस ट्रैक डाउन कार्रवाई के चलते चीनी मार्केट में एक सेल ऑफ शुरू हो गया, जिसके चलते चीनी स्टॉक मार्केट में 1.5 ट्रिलियन डॉलर कम हो गए. निक्केई एशिया ने कहा कि इस बीच भारत सार्वजनिक बाजारों में उछाल और कोविड -19 महामारी के बाद ऑनलाइन सेवाओं को तेजी से अपनाने के कारण चमक रहा है. 

बिजनेस एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म सीबी इनसाइट्स के मुताबिक, भारत में वेंचर कैपिटल इनफ्लो साल के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) में 19.5 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था. इसने आगे कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में कैपिटल इनफ्लो कुल राशि का आधा हिस्सा था, जहां 519 सौदों में 9.9 बिलियन डॉलर जुटाए गए थे. इसकी तुलना में, जुलाई-सितंबर की अवधि में चीन में निवेश 25.5 बिलियन डॉलर था. जनवरी में उद्योग संघ नैसकॉम और रणनीति परामर्शदाता Zinnov ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 2025 तक 100 नए यूनिकॉर्न हो सकते हैं. 

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