scorecardresearch

Gold vs Silver: 2026 में कौन कराएगा ज्यादा कमाई, क्या रहेगा ट्रेंड? इंवेस्ट करने से पहले यहां जान लें

2026 में सोना-चांदी की स्थिति मजबूत रह सकती है. हालांकि रिटर्न की रफ्तार 2025 जैसी नहीं होगी. कम ब्याज दरों और वैश्विक हालात को देखते हुए सोना स्थिर रह सकता है, जबकि चांदी इंडस्ट्री के चलते मुनाफे के मामले में सोने से आगे निकल सकती है.

Gold vs Silver Gold vs Silver
हाइलाइट्स
  • क्यों आया चांदी में इतना बड़ा उछाल

  • 2026 में कौन देगा सबसे ज्यादा रिटर्न?

सोना और चांदी दोनों के लिए साल 2025 जबरदस्त रहा. निवेशकों ने इनमें इंवेस्ट कर शानदार रिटर्न कमाया. साल की शुरुआत से ही सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली, जो पूरे साल बनी रही. अब जब 2026 नजदीक है, तो लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगले साल सोना ज्यादा फायदा देगा या चांदी? या किसमें इंवेस्ट करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

2025 में कैसा रहा प्रदर्शन?
चांदी ने 2025 में निवेशकों को चौंकाने वाला रिटर्न दिया. 31 दिसंबर 2024 को चांदी की कीमत करीब 89,700 प्रति किलो थी, जो 2025 के आखिर तक 2.27 लाख प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. यानी करीब 153% की ग्रोथ देख.

सोने की कीमतों में भी मजबूती देखने को मिली, लेकिन चांदी की रफ्तार ज्यादा रही. वैश्विक बाजार में सोना करीब 73% तक चढ़ा, जबकि निफ्टी-50 सिर्फ 10.18% ही बढ़ पाया. यही वजह है कि निवेशकों का झुकाव तेजी से सोना-चांदी की तरफ बढ़ा.

क्यों आया चांदी में इतना बड़ा उछाल
ऑल इंडिया बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें 72 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गईं. देश में मजबूत इंडस्ट्री डिमांड, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर पैनल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में बढ़ते इस्तेमाल ने चांदी को ऊंचाई दी. चांदी के दामों ने पहले 9,750 की लंबी छलांग लगाई और फिर 2.27 लाख प्रति किलो के नए रिकॉर्ड स्तर को छू लिया.

सोना क्यों रहा स्थिर?
सोने की कीमतों में भी मजबूती बनी रही, लेकिन उतार-चढ़ाव चांदी के मुकाबले कम रहा. 99.9% शुद्धता वाला सोना साल के दौरान करीब 50 गिरकर 1,40,800 प्रति 10 ग्राम तक भी आया, लेकिन फिर निवेश के तौर पर इसकी मांग बनी रही.

2026 में किसमें इंवेस्ट करना होगा फायदेमंद
एक्सपर्ट की मानें तो 2026 में सोना-चांदी की स्थिति मजबूत रह सकती है. हालांकि रिटर्न की रफ्तार 2025 जैसी नहीं होगी. कम ब्याज दरों और वैश्विक हालात को देखते हुए सोना स्थिर रह सकता है, जबकि चांदी इंडस्ट्री के चलते मुनाफे के मामले में सोने से आगे निकल सकती है.

2026 में चांदी की कीमतें 1.50 लाख से 1.65 लाख प्रति किलो के स्तर पर स्थिर हो सकती हैं. अगर औद्योगिक मांग और निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही, तो यह 2.30 लाख से 2.50 लाख प्रति किलो तक भी जा सकती है.

सोना और चांदी में लॉन्ग टर्म निवेश
विशेषज्ञों की राय है कि चांदी में तेजी बनी रह सकती है, लेकिन इसमें उतार-चढ़ाव भी ज्यादा रहेगा. वहीं सोना स्थिर रिटर्न देता है. सोने के लिए लॉन्ग टर्म SIP निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प माना जा रहा है. चांदी में भी SIP की जा सकती है, ताकि तेज उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सके. रिस्क कम करने के लिए पोर्टफोलियो में सोना और चांदी दोनों को शामिल करना जरूरी है.