
भारत सरकार ने डिजिटल मनी को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर पर मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधान लागू कर दिए हैं. सरकार की तरफ से ये डिजिटल असेट्स की निगरानी को कड़ा करने के लिए ये कदम उठाया गया है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक नोटिस में कहा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग, सेफकीपिंग और संबंधित वित्तीय सेवाओं पर मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून लागू किया गया है.
वित्तीय खुफिया इकाई को देनी होगी सूचना
नए नियम लागू होने के साथ, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत (FIU-IND) को संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी. सरकार की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन में ये कहा गया है कि, "वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और फिएट करेंसी के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के एक या एक से अधिक रूपों के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का ट्रांसफर, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का सुरक्षित रखना या प्रशासन या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर नियंत्रण को सक्षम करने वाले उपकरण, और वित्तीय में भागीदारी और प्रावधान अधिसूचना में कहा गया है कि एक जारीकर्ता का ऑफर और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति की बिक्री से संबंधित सेवाएं अब पीएमएलए, 2002 द्वारा कवर की जाएंगी.
पिछले साल भारत ने कई कानूनों में किए गए बदलाव
गौरतलब है कि पिछले साल भी भारत ने क्रिप्टो सेक्टर पर कई सारे कड़े कानून लागू किए थे, जिसमें ट्रेडिंग पर टैक्स लगाना शामिल था. जिसके बाद डिजिटल असेट्स में वैश्विक गिरावट के के कारण घरेलू ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई है.
रॉयटर्स के अनुसार लॉ फर्म Trilegal के वकील जयदीप रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार का कदम डिजिटल-एसेट प्लेटफॉर्म की आवश्यकता के वैश्विक रुझान के साथ मेल खाता है. बैंकों या स्टॉक ब्रोकरों जैसी अन्य विनियमित संस्थाओं के समान मनी-लॉन्ड्रिंग रोधी मानकों का पालन करने के लिए." रेड्डी ने आगे कहा कि ताजा एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधान "अपेक्षित अनुपालन उपायों को लागू करने के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता होने की संभावना है."
वित्त मंत्री को 2022 में लगी थी रेगुलेशन की जरूरत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अक्टूबर 2022 में कहा था, क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह के रेगुलेशन की जरूरत है और इस पर सभी देशों को एक साथ होना होगा. वित्त मंत्री ने उस वक्त कहा था कि, "कोई भी इसे अकेले संभालने में सक्षम नहीं होगा. ये यह भारत में G20 प्रेसीडेंसी के दौरान एजेंडा का हिस्सा होगा. हम जोखिमों से निपटने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक विनियमन के लिए एक मजबूत मामला बना रहे हैं. इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग भी शामिल है."
G20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की हालिया बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स से निपटने के लिए एक इंटरनेशनल फ्रेमवर्क और आर्किटेक्चर तैयार करने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वित्तीय स्थिरता बोर्ड भी इस फ्रेमवर्क पर काम कर रहा है.