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New Tax Regime: क्या आपको पता है! नए टैक्‍स रिजीम में भी मिलती है रियायत, इन तरीकों से नहीं देना पड़ेगा कर, बच जाएंगे लाखों रुपए

Income Tax Deduction: केंद्र सरकार न्यू टैक्स रिजीम को साल 2020 के बजट के दौरान पेश किया था. इसके बाद साल 2023 के बजट में न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बना दिया गया. यानी यदि आप टैक्स भरते समय ओल्ड टैक्स रिजीम का चुनाव नहीं करेंगे तो अपने आप अपका टैक्स न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से कैलकुलेट हो जाएगा

New Tax Regime New Tax Regime
हाइलाइट्स
  • न्यू और ओल्ड दोनों टैक्स रिजीम में 50 हजार रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन का उठा सकते हैं लाभ 

  • केंद्र सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को साल 2020 के बजट के दौरान किया था पेश 

Old vs New Tax Regime: यदि आप टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की कैटेगरी में आते हैं तो आपके पास टैक्स भरने के लिए दो विकल्प हैं. पहला ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime). यदि आप इन दोनों में से किसी टैक्स रिजीम को नहीं चुनते हैं तो आपका इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नए टैक्स रिजीम के तहत फाइल होगा. ओल्ड टैक्स रिजीम को टैक्स बचाने के लिहाज बेहतर माना जाता है लेकिन यदि आपने न्यू टैक्स रिजीम को चुना है तो परेशान न हों, आप कुछ तरीकों को अपनाकर इसमें भी टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.

नौकरी और बिजनेस करने वाले हर साल कर सकते हैं ऐसा 
केंद्र सरकार न्यू टैक्स रिजीम को साल 2020 के बजट के दौरान पेश किया था. इसके बाद साल 2023 के बजट में न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बना दिया गया है. यानी यदि आप टैक्स भरते समय ओल्ड टैक्स रिजीम का चुनाव नहीं करेंगे तो अपने आप अपका टैक्स न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से कैलकुलेट हो जाएगा. यदि आप नौकरी या बिजनेस करते हैं तो आप हर साल ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं.

यदि आप इन दोनों में से किसी भी श्रेणी में नहीं आते हैं तो आपको यह मौका सिर्फ एक बार ही मिलेगा. यानी ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में से किसी एक का चुनाव करने के बाद फिर दोबारा इसे नहीं बदल सकते हैं. यदि आप सेल्फ एम्प्लॉयड हैं तो ओल्ड टैक्स रिजीम का सिर्फ एक बार ही लाभ उठा पाएंगे. इसका फायदा उठाने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के साथ फॉर्म 10 आईई (Form 10-IE) भी भरना होगा. आपको आईटीआर भरने से पहले फॉर्म 10 आईई को इनकम टैक्स विभाग में जमा करना होगा.

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क्या है ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में अंतर 
आपको Old Tax Regime में लगभग 70 तरह के डिडक्शन और छूट मिल जाते हैं. इतना ही नहीं आप इसके साथ धारा 80C के तहत इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं. आपको  New Tax Regime में धारा 80C सहित कई बड़ी टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है. अब इस टैक्स सिस्टम को डिफॉल्ट बना दिया गया है. हालांकि इसमें आप हर साल बदलाव कर सकते हैं. यानी एक साल ओल्ड और दूसरे साल न्यू और फिर ओल्ड टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं. 

नए रिजीम में इस तरह पा सकते हैं टैक्‍स छूट
1. स्टैंडर्ड डिडक्शन पहले सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम में था. इसे अब न्यू टैक्स रिजीम में भी शामिल कर लिया गया है. इसका मतलब है कि आपकी टैक्सेबल इनकम सीधे 50 हजार रुपए तक कम हो जाएगी. यदि टैक्सपेयर दिव्यांग कैटेगरी में आता है, तो वह ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर डिडक्शन क्लेम यानी कर छूट का दावा कर सकता है. यह छूट निजी और सरकारी दोनों ही सेक्‍टर के कर्मचारियों पर लागू होगी.

2. यदि आप नौकरी करते हैं तो आप न्यू टैक्स रिजीम में ट्रैवल, ट्रांसपोर्ट और ऑफिस काम के लिए मिलने वाले दूसरे अलाउंस पर टैक्स छूट ले सकते हैं. यदि आप किसी अन्‍य जगह से ऑफिस का काम कर रहे हैं और वहां के खर्चों को पूरा करने के लिए भुगतान किया जाता है तो इस पर भी इनकम टैक्‍स क्‍लेम किया जा सकता है.

3. इनकम टैक्‍स की धारा 10(10C) के तहत यदि कोई वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) लेता है तो कुछ शर्तों के साथ ग्रैच्युटी और लीव एन्कैशमेंट यानी बची हुई छुट्टियों के बदले मिलने वाले पैसों पर भी न्यू टैक्स रिजीम में छूट का लाभ उठा सकता है. इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

4. न्यू टैक्स रिजीम में आप गिफ्ट पर भी टैक्ट छूट का लाभ उठा सकते हैं. भाई-बहन या किसी रिश्तेदार को 50 हजार रुपए का गिफ्ट देते हैं तो उस पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं. एक वित्तवर्ष में कोई टैक्‍सपेयर सिर्फ 50 हजार रुपए तक के तोहफे पर इनकम टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकता है.

5. आप न्यू टैक्स रिजीम में भी कुछ खास विशेष परिस्थितियों में होम लोन के ब्‍याज पर सेक्‍शन 24 के तहत टैक्‍स छूट का फायदा ले सकते हैं. यह छूट तब मिलती है जब आप ऐसे मकान के लोन पर ब्‍याज चुका रहे हैं, जिसे आपने किराए पर दे रखा है.

6. नियोक्‍ता की ओर से इम्पलाई को नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) अकाउंट में जो पैसे डाले जाते हैं उस पर तो टैक्‍स छूट मिलती ही है. इसके अलावा एनपीएस के टीयर 2 अकाउंट में 50 हजार एक्‍स्‍ट्रा निवेश पर भी टैक्‍स छूट दी जाती है. यह छूट आपको पुराने टैक्‍स रिजीम और नए रिजीम दोनों में ही मिलती है.

7. जिन टैक्सपेयर्स की कमाई फैमिली पेंशन के जरिए होती है, उन्‍हें भी इस रकम पर टैक्‍स छूट मिल सकती है. इनकम टैक्‍स की धारा 57 के तहत ऐसे फैमिली पेंशन की रकम नए टैक्‍स रिजीम में भी आयकर के दायरे से बाहर रखी गई है. इस रकम पर छूट क्‍लेम की जा सकती है.

न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब
1. न्यू टैक्स रिजीम में सालाना 0-3 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होता.
2. 3 से 6 लाख पर 5 प्रतिशत और 6 से 9 लाख तक की कमाई पर 10 प्रतिशत टैक्स अदा करना पड़ता है.
3. 9 से 12 लाख पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक की कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है. 
4. इसके साथ ही हेल्थ और एजुकेशन सेस के तौर पर भी 4 प्रतिशत टैक्स लगता है.