
भारत में 5 साल से जीएसटी लागू है. इस बार जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसल लिए जा सकते हैं. टैक्स स्लैब को लेकर बड़े फैसले होने की उम्मीद है. साल 2017 में जीएसटी की शुरुआत केंद्र सरकार ने राज्यों को 14 फीसदी रेवेन्यू ग्रोथ की गारंटी दी थी. केंद्र सरकार ने इससे कम टैक्स मिलने पर 5 साल तक इसकी भरपाई करने का वादा किया था. जिसकी मियाद जून 2022 में पूरी हो रही है. इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में तकरार है.
दुनिया में टैक्स की शुरुआत 14वीं शताब्दी से माना जाता है. हालांकि 5000 साल पहले मिस्त्र में टैक्स वसूली के सबूत भी मिले हैं. चलिए आपको कुछ अजीबो-गरीब टैक्स के बारे में बताते हैं.
त्रावणकोर में ब्रेस्ट टैक्स-
19वीं सदी की शुरुआत केरल के त्रावणकोर में महिलाओं से ब्रेस्ट टैक्स लिया जाता था. ब्रेस्ट की साइज के मुताबिक अधिकारी टैक्स निर्धारित करते थे. बताया जाता है कि नांगेली नाम की महिला ने इसके विरोध में अपने स्तन काट दिए थे. इसके बाद इस टैक्स का विरोध होने लगा. साल 1814 में त्रावणकोर के राजा ने ब्रेस्ट टैक्स को खत्म कर दिया.
अमेरिका में बैचलर टैक्स-
20 दिसंबर साल 1821 को अमेरिका के मिसूरी राज्य में बैचलर पर टैक्स लगाया गया. इसके तहत कुंवारों को एक डॉलर टैक्स देना पड़ता था. इसका मकसद लोगों को शादी के लिए प्रेरित करना था. बैचलर टैक्स कई देशों में भी लागू था. इसकी शुरुआत 9वीं सदी में हो गई थी. रोम के सम्राट ऑगस्ट्स ने भी बैचलर टैक्स लगाया था. साल 1695 में इंग्लैंड मैरिज ड्यूटी लगाई गई थी. जबकि मोंटेना में साल 1921 में कुंवारों पर 3 डॉलर टैक्स लगाया गया.
रूस में मूंछ और दाढ़ी पर टैक्स-
साल 1698 में रूस में मूंछ और दाढ़ी रखने वाले लोगों को बियर्ड टैक्स देना होता था. टैक्स नहीं देने पर एक्शन भी लिया जाता था. रूस के शासक पीटर द ग्रेट चाहता था कि रूस का समाज यूरोप के समाज की तरह आधुनिक हो और नियम से दाढ़ी बनवाएं. उस वक्त रूस में दाढ़ी टैक्स चुकाने वालों को एक टोकन दिया जाता था. जिसको हर वक्त साथ रखना पड़ता था. साल 1535 में इंग्लैंड के सम्राट हेनरी अष्टम ने दाढ़ी पर टैक्स लगाया था.
इंग्लैंड में विंडो टैक्स-
साल 1696 में इंग्लैंड में विंडो टैक्स वसूला जाता था. इसके तहत घर में 10 से ज्यादा खिड़की होने पर 10 शिलिंग टैक्स देना पड़ता था. इसका असर भी इंग्लैंड में होने लगा. घरों में खिड़कियां कम होने लगी. हालांकि लोगों के विरोध के चलते साल 1851 में इस टैक्स को खत्म कर दिया गया. विंडो टैक्स फ्रांस और स्कॉटलैंड में भी लगाया गया था.
गाय के डकार पर टैक्स-
न्यूजीलैंड में सबसे अजीबो-गरीब टैक्स लगाया गया. मई 2022 में न्यूजीलैंड की सरकार ने गाय की डकार पर टैक्स लगा दिया. सरकार के इस फैसले के पीछे तर्क था कि पर्यावरण को ग्रीन गैस से बचाने के लिए फैसला किया गया है.
ये तमाम टैक्स इतने अजीबो-गरीब थे कि इनको लेकर खूब विरोध हुआ. लोगों की नाराजगी के बाद इनमें से ज्यादातर टैक्स हटा दिए गए.
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