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SEBI के पास Subrata Roy के 25,000 करोड़, सहाराश्री के बाद इन पैसों का क्या होगा, निवेशकों को रुपए वापस कैसे मिलेंगे? यहां जानें हर सवाल का जवाब

Sahara Group की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में करीब तीन करोड़ निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी. सबसे ज्यादा निवेशक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी लाखों लोगों को अभी तक पैसे वापस नहीं मिले हैं.

सहारा इंडिया में कई लोगों की जमा-पूंजी फंसी हुई है सहारा इंडिया में कई लोगों की जमा-पूंजी फंसी हुई है
हाइलाइट्स
  • सुब्रत रॉय सहारा का 14 नवंबर को हो गया था निधन 

  • सहाराश्री के पास 259900 करोड़ से अधिक की थी निजी संपत्ति

सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय का 14 नवंबर 2023 को निधन हो गया. इसके बाद सहारा के लाखों निवेशकों के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि अब उनके पैसों का क्या होगा? क्या सहारा में फंसा पैसा उन्हें मिल पाएगा या डूब जाएगा? आइए इन सारे सवालों का जवाब जानते हैं. 

सेबी के पास पड़ी है 25 हजार करोड़ की धनराशि
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी के खाते में पड़ी 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की गैरवितरित धनराशि भी एक बार फिर से चर्चा में है. सहारा प्रमुख कंपनियों के संबंध में कई विनियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रहे थे. उन पर पोंजी योजनाओं में नियमों को दरकिनार करने का भी आरोप था. हालांकि सहारा समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हमेशा खारिज किया.

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि लौटाने को कहा था
नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था. इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपए जमा करने को कहा गया. हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है.

सेबी ने दी थी जानकारी
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपए की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपए की ब्याज राशि भी शामिल है. शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों की ओर से उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए. सेबी ने आखिरी अद्यतन जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपए बताई थी. सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपए है.

करोड़ों निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई की थी जमा
सहारा ग्रुप की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में करीब तीन करोड़ निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी. सबसे ज्यादा निवेशक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं. लेकिन निवेश की अवधि पूरी जाने के बाद भी लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को आदेश दिया कि वो निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित वापस करे.

हालांकि, इसके बाद भी निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलने में लंबा समय लग गया. अगस्त 2023 में सहारा इंडिया की 4 सहकारी समितियों में फंसे करोड़ों निवेशकों के लिए रिफंड प्रोसेस शुरू हुआ. केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किए गए Sahara Refund Portal (CRCS) के जरिए रिफंड के लिए घर बैठे अप्लाई करने की सुविधा प्रदान की गई. इस पोर्टल पर आवेदन देने के बाद निवेशकों को उनकी राशि वापस मिल जाएगी.  

निवेशक पैसे रिफंड के लिए इस पोर्टल पर कर सकते हैं अप्लाई
सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund crcs.gov.in/ पर जाकर निवेशक अपने रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल के माध्यम से सहारा ग्रुप की 4 सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हुमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा. गौरतलब है कि 22 मार्च, 2022 से पहले सहारा में निवेश करने वाले लोग ही इस पोर्टल के जरिए रिफंड पा सकते हैं.

ये दस्तावेज हैं जरूरी
सहारा रिफंड पोर्टल पर आवदेन करने के लिए निवेशक के पास मेंबरशिप नंबर, जमा अकाउंट नंबर, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, डिपॉजिट सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज जरूरी हैं. सहारा में फंसे पैसे के लिए क्लेम करने के लिए निवेशक का आधार चालू मोबाइल नंबर से जुड़ा होना जरूरी है. साथ ही बैंक खाते से भी आधार का जुड़ाव अनिवार्य है. इसके बिना कोई भी निवेशक क्लेम दाखिल नहीं कर पाएगा. इन सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ आप सहारा पोर्टल के जरिए अप्लाई कर सकते हैं. जैसे ही आपका आवेदन सबमिट होगा, आपको एक एनरोलमेंट नंबर मिल जाएगा. साथ ही आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आ जाएगा.

कई समस्या होने पर इस टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं फोन
आवेदन सबमिट करने के लिए कोई फीस नहीं लगेगी. किसी भी समस्या के लिए टोल फ्री नंबर ( 1800 103 6891 और 1800 103 6893) दिए गए हैं. निवेशक के डॉक्यूमेंट्स की जांच-पड़ताल के बाद 45 दिनों के अंदर उसके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे. ई-पोर्टल के जरिए करीब 2.5 करोड़ लोगों को लाभ होगा. पैसा ऐसे निवेशकों को वापस मिलेगा, जिनके इन्वेस्टमेंट की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. सरकार ने रिफंड होने वाले पैसों पर 10,000 रुपए का कैप लगाया है. यानी पहले चरण में उन निवेशकों की जमा राशि वापस लौटाई जाएगी, जिनका निवेश 10,000 रुपए है. 

सहारा इंडिया का क्या है मामला
सहारा इंडिया के पतन की शुरुआत प्राइम सिटी के IPO से हुई थी. इस धोखाधड़ी का पता चलने के बाद सेबी ने सहारा इंडिया के सेबी अकाउंट को फ्रीज कर दिया और केस दायर किया. इस केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुब्रत रॉय को दो साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा. वह 2016 में पैरोल पर जेल से बाहर आए थे.

कितनी संपत्ति छोड़ गए सहाराश्री
सहाराश्री के पास 259900 करोड़ से अधिक की निजी संपत्ति थी. उनके पास करीब 30970 एकड़ का लैंडबैंक रहा है. इसके अलावा देशभर में 5000 से ऑफिस यूनिट्स है. इसके अलावा उनके पास लखनऊ का सहारा शहर, सहारा के ऑफिस, सहारा मॉल जैसी संपत्तियां है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक सहारा ग्रुप के पास 9 करोड़ निवेशक हैं. देशभर के अलग-अलग इलाके में उनके पास अरबों रुपए की जमीन और होटल हैं.