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Windfall Tax: विंडफॉल टैक्स क्या होता है? ये किन लोगों पर लगाया जाता है, इसके तहत कितना टैक्स लगता है? जानिए सबकुछ

"विंडफॉल टैक्स" एक बार लगने वाला टैक्स है. ये उन कंपनियों पर लगाया जाता है जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने बाजार की अनुकूल स्थितियों के कारण जरूरत से ज्यादा लाभ कमाया है.

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हाइलाइट्स
  • कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स घटाकर किया गया शून्य

  • पिछले साल पहली बार लागू किया गया था Windfall टैक्स

भारत ने मंगलवार से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती करके जीरो कर दिया है. भारत ने जुलाई में कच्चे तेल के उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था. 4 अप्रैल के बाद केवल डीजल पर अप्रत्याशित कर लगेगा, जबकि कच्चे तेल, एटीएफ और पेट्रोल पर ऐसा कोई शुल्क नहीं लगेगा. डीजल के निर्यात पर कर 11 रुपये से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.

कच्चे तेल को जमीन और समुद्र से बाहर निकालकर रिफाइन किया जाता है. इसके बाद पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल जैसे ईंधन में बदला जाता है. विंडफाॅल टैक्स पर बदलाव हर रात दो हफ्ते के तेल की कीमत के आधार पर किया जाता है.

पिछले साल पहली बार लागू किया गया था Windfall टैक्स

भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को Windfall टैक्स लगाकर उन देशों की लिस्ट में शामिल हुआ था जो ऊर्जा कंपनियों के मुनाफे पर कर लगाते हैं. उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया जाता था. घरेलू बाजार में तेल की आपूर्ति और राजस्व को बढ़ाने के लिए सरकार ने ये टैक्स लगाया था. 

भारत में विंडफॉल टैक्स का कॉन्सेप्ट 1970 के दशक में आया था. ताकि असामान्य रूप से ज्यादा राजस्व लेने वाले व्यवसायों के मुनाफे पर कर लगाया जा सके. "विंडफॉल टैक्स" एक बार लगने वाला टैक्स है. ये उन कंपनियों पर लगाया जाता है जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने बाजार की अनुकूल स्थितियों के कारण जरूरत से ज्यादा लाभ कमाया है.

क्या है विंडफॉल टैक्स

सरकार द्वारा अप्रत्याशित और औसत से ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनियों पर लगाए गए टैक्स को विंडफॉल टैक्स के रूप में जाना जाता है. जब सरकार किसी उद्योग के राजस्व में अचानक वृद्धि देखती है, तो वो यह कर लगाती है. यानी कि प्रॉफिट का कुछ हिस्सा सरकार अपने हिस्से में रखती है. 

विंडफॉल टैक्स कैसे काम करता है?

विंडफॉल टैक्स अस्थाई होता है. विंडफॉल टैक्स की समीक्षा हर 15 दिन में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से की जाती है. ये टैक्स आम तौर पर लंबे समय से स्थापित बिजनेस पर लगाया जाता है जो किसी बाहरी कारण की वजह से प्रॉफिट गेन करते हैं. आसान शब्दों में कहें तो प्रॉफिट Windfalls है. इसलिए अप्रत्याशित लाभ पर अप्रत्याशित कर लगाता जाता है. ट्रेडर्स अक्सर शेयर बाजार में विंडफॉल टैक्स लाते हैं जिनकी कीमतों में अस्थिरता होने की आशंका होती है. 

विंडफॉल टैक्स का प्रभाव

रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थीं. और इस वजह से भारतीय तेल कंपनियों ने जबरदस्त मुनाफा कमाया. इसके बाद सरकार ने भारत के व्यापार घाटे को कवर करने, फूड और फर्टिलाइजर्स पर खर्च बढ़ाने के लिए तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगा दिया. वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट के कारण इस कर को कम भी किया गया था.

विंडफॉल टैक्स किसे देना पड़ता है?

वो कंपनियां और इंडस्ट्रियल हाउसेज जिन्होंने अप्रत्याशित लाभ कमाया है, उन लोगों को ये टैक्स देना पड़ता है. अप्रत्याशित लाभ जैसे विरासत या लॉटरी से मुनाफा कमाने वाले लोगों पर भी ये कर लगाया जा सकता है.