
क्या आपने सोचा कि इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग आपकी जेब पर कितना भारी पड़ सकती है? यह सिर्फ विदेशी खबरें नहीं, बल्कि आपके रोजमर्रा के खर्चे को आसमान छूने वाला तूफान है! तेल की कीमतों में उछाल, खाने-पीने की चीजें महंगी, और गैजेट्स की कीमतें चढ़ने का खतरा- यह युद्ध भारत के हर घर को प्रभावित कर सकता है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध शुरू होते ही वैश्विक तेल बाजार में हड़कंप मच गया. भारत भले ही ईरान से सीधे ज्यादा तेल न खरीदता हो, लेकिन ईरान तेल का बड़ा खिलाड़ी है. युद्ध शुरू होने के साथ ही ब्रेंट क्रूड की कीमत 11% से ज्यादा उछलकर 75.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. विशेषज्ञों की मानें तो अगर यह जंग लंबी खिंचती है, तो तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं. इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा, क्योंकि पेट्रोल, डीजल, और रसोई गैस की कीमतें बढ़ेंगी.
सरकार भले ही कीमतों को काबू करने की कोशिश करे, लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई को भड़का सकती हैं. इसका मतलब है कि आपकी गाड़ी का टैंक भरवाना, रसोई चलाना, और ट्रांसपोर्ट का खर्च- सब कुछ महंगा होने वाला है.
हॉर्मुज जलमार्ग
हॉर्मुज जलडमरूमध्य (Strait)- यह छोटा सा जलमार्ग ईरान के पास है, लेकिन इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर है. दुनिया का एक-तिहाई समुद्री तेल इसी रास्ते से गुजरता है. भारत के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे दो-तिहाई तेल आयात और आधे LNG आयात इसी जलमार्ग से आते हैं. अगर युद्ध के कारण यह रास्ता बंद होता है, तो क्या होगा? तेल की आपूर्ति रुक जाएगी, शिपिंग में देरी होगी, और ईंधन की कीमतें आसमान छू लेंगी.
यह जलमार्ग बंद होने का मतलब है कि भारत को तेल के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने पड़ेंगे, जो समय और पैसा दोनों खाएंगे. इससे न सिर्फ पेट्रोल-डीजल महंगा होगा, बल्कि हर वो चीज जो ट्रांसपोर्ट पर निर्भर है- सब्जियां, अनाज, कपड़े-सबके दाम बढ़ जाएंगे.
क्या-क्या होगा महंगा? आपकी जेब पर सीधा असर
युद्ध अगर लंबा चला, तो भारत में कई चीजें महंगी हो सकती हैं, खासकर वो जो ईरान और इजरायल से आयात पर निर्भर हैं. इंडिया टुडे ने उन चीजों की लिस्ट बनाई है, जिनके दाम बढ़ने की आशंका है. जरा गौर करें, ये चीजें आपके रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं:
इन बढ़ती कीमतों का मतलब है कि आपकी रसोई, गाड़ी, और गैजेट्स सब कुछ महंगा हो सकता है.
भारत का इजरायल-ईरान कनेक्शन
भारत दोनों देशों इजरायल और ईरान के साथ दोस्ती निभा रहा है, लेकिन यह एक तार पर चलने जैसा है. इजरायल के साथ भारत का व्यापार इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा तकनीक, रसायन, और उर्वरकों पर केंद्रित है. वहीं, ईरान से भारत फल, रसायन, सीमेंट, नमक, और ईंधन उत्पाद आयात करता है.
हाल के आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2024 से 2025 के बीच भारत का ईरान को निर्यात 47.1% बढ़ा, लेकिन ईरान से आयात 23.6% घटा.
यह युद्ध भारत के लिए चुनौती है, क्योंकि दोनों देशों से रिश्ते बनाए रखना जरूरी है. लेकिन अगर आपूर्ति बाधित होती है, तो भारत को वैकल्पिक रास्ते तलाशने पड़ेंगे, जो महंगा और समय लेने वाला होगा.
आपके घर पर क्या असर?
इस युद्ध का असर आपके घर तक पहुंचेगा. जानिए कैसे:
यह युद्ध सिर्फ टीवी स्क्रीन तक सीमित नहीं- यह आपके बटुए को हल्का कर सकता है.
क्या कर सकता है भारत?
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इस संकट से बचने के लिए ऊर्जा और व्यापार के वैकल्पिक रास्ते तलाशने होंगे. सऊदी अरब, रूस, और अन्य देशों से तेल आयात बढ़ाना, नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर देना, और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना जरूरी है. साथ ही, सरकार को महंगाई नियंत्रण के लिए सब्सिडी और टैक्स में राहत देनी पड़ सकती है.
(इनपुट: ऐश्वर्या पालीवाल)