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कैंडिडेट का CIBIL Score था खराब तो SBI ने रद्द की नियुक्ति, अब हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

मद्रास हाई कोर्ट ने इस फैसले में कहा कि बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय अनुशासन की जरूरत होती है और खराब क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति पर पब्लिक मनी से जुड़े काम के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता.

CIBIL score CIBIL score

मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के एक आदेश को सही ठहराया गया है. दरअसल, इस आदेश में एक व्यक्ति की नौकरी को खराब CIBIL Score के कारण रद्द कर दिया गया था. कोर्ट ने इस फैसले में कहा कि बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय अनुशासन की जरूरत होती है और खराब क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति पर पब्लिक मनी से जुड़े काम के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता.

क्या था पूरा मामला?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एक व्यक्ति की सर्किल बेस्ड ऑफिसर पोस्ट पर जॉब लगी थी. लेकिन बैंक ने उसकी नियुक्ति को को रद्द कर दिया क्योंकि उसकी CIBIL रिपोर्ट में खराब क्रेडिट हिस्ट्री पाई गई थी. इस व्यक्ति ने 2018 में ICICI बैंक से पर्सनल लोन लिया था जिसे समय पर नहीं चुकाया था. इसके अलावा, उसने 2019 में HDFC बैंक के क्रेडिट कार्ड का भी भुगतान नहीं किया था, जिससे बैंक को 40,000 रुपये का नुकसान हुआ था।

कोर्ट का दिया क्या फैसला?

यह मामला कोर्ट पहुंचा तो मद्रास हाई कोर्ट में जस्टिस एन माला ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि बैंकिंग के लिए वित्तीय अनुशासन की जरूरत होती है क्योंकि कर्मचारी पब्लिक मनी से जुड़ा काम करते हैं. कोर्ट ने कहा, "खराब वित्तीय अनुशासन वाले व्यक्ति पर पब्लिक मनी से जुड़ा काम कराने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता." 

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कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि SBI के भर्ती नियमों में यह साफ कहा गया है कि ऐसे उम्मीदवार जिनका समय पर लोन न चुकाने के वजह से क्रेडिट स्कोर खराब है, वे जॉब के लिए अयोग्य माने जाएंगे. 

उम्मीदवार ने दी क्या दलील?

उम्मीदवार के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जॉब के लिए आवेदन करने से पहले सभी बकाया भुगतान कर दिए गए थे. हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जॉब के लिए योग्यता क्लीन क्रेडिट रिकॉर्ड के आधार पर थी, केवल आवेदन करने से पहले बकाया भुगतान करने पर नहीं. कोर्ट ने जोर दिया कि पब्लिक सेक्टर में काम करने के लिए उम्मीदवार का साफ रिकॉर्ड होना जरूरी है और यह नियमों के तहत आता है. 

CIBIL Score की भूमिका

सिबिल स्कोर एक महत्वपूर्ण मापदंड है जो यह दर्शाता है कि व्यक्ति ने अपने लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान समय पर किए हैं या नहीं. बैंक इसी आधार पर लोन और दूसरी फाइनेंशियल सर्विसेज देते हैं. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि सिबिल स्कोर के आधार पर नौकरी रद्द करना उचित नहीं है क्योंकि कई बार लोग आर्थिक समस्याओं के कारण समय पर भुगतान नहीं कर पाते.

मद्रास हाई कोर्ट का यह फैसला बैंकिंग क्षेत्र में वित्तीय अनुशासन की जरूरत को रेखांकित करता है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि खराब क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति पर पब्लिक मनी से जुड़े काम के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता. यह फैसला उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करना चाहते हैं कि उनका क्रेडिट स्कोर साफ और अच्छा होना चाहिए.