
देश में कई किसान आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक खेती भी कर रहे हैं. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के किसान मानिक महतो गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. इससे वो अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं. मानिक ने 10 कट्ठे में गेंदा की फूल की खेती की. इसमें उन्होंने सिर्फ 8 हजार रुपए खर्च किए. 3 महीने के बाद महतो को इस खेती से 25 हजार रुपए की कमाई हुई.
8 हजार की लागत, 25 हजार की कमाई-
मानिक महतो पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया के मालकुंडी पंचायत के बालीदुमा के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी सूझबूझ से खेती में सफलता हासिल की है. महतो पारंपरिक खेती करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने गेंदा फूल की खेती की. मानिक ने 10 कट्ठा में गेंदा फूल के पौधे लगाए हैं. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मानिक बताते हैं कि पिछले साल उन्होंने 10 कट्ठा खेत में गेंदा फूल की खेती की थी. इसमें उन्होंने 8 हजार रुपए खर्च किए थे. 3 महीने के भीतर मानिक को 25 से 30 हजार रुपए का मुनाफा हुआ था. मानिक को इस बार इससे भी ज्यादा मुनाफे की उम्मीद है.
पारंपरिक खेती के साथ फूल की भी खेती-
मानिक महतो पिछले 2 साल से गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. उससे पहले मानिक पारंपरिक खेती करते थे. वो धान और गेहूं उगाते थे. लेकिन इससे उनकी फैमिली की आर्थिक हालत में सुधार नहीं हो रहा था. उस खेती से उनको सीमित लाभ हो रहा था. इसके बाद मानिक ने आय बढ़ाने के लिए कुछ अलग करने की सोची. जिसके बाद उन्होंने गेंदा फूल की खेती का रूख किया.
50-60 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है फूल-
मानिक महतो ने बताया कि उन्होंने फूल की खेती के लिए पश्चिम बंगाल के पांशकुडा से बीज लाए और खेती की. पौधों के बीच 22 इंच की दूरी रखी. मानिक महतो ने इस खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल किया. महतो का कहना है कि घाटशिल अनुमंडल में गेंदा फूल 50 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता है. मानिक उन किसानों के लिए प्रेरणा है, जो पारंपरिक खेती में सीमित आय से जूझ रहे हैं.
गेंदा फूल की खेती किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने का जरिया बन रही है. गेंदा की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी जल निकासी वाली, उपजाऊ और 6.5 से 7.5 पीएच वाली होती है. गेंदा की बिजाई साल में कभी भी की जा सकती है.
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