
47 साल पुरानी IT सेक्टर की जानी-मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) का नाम तो सुना ही होगा. जिसने एक समय इसकी स्थापना करने वाले बिल गेट्स को दुनिया का सबसे अमीर इंसान बना दिया था. जो अब भी दुनिया के सबसे अमीर इंसानो में शुमार है. इस कंपनी की स्थापना बिल गेट्स ने पॉल एलन के साथ मिलकर 4 अप्रैल 1975 को किया था. जिसका नाम दुनिया भर की बड़ी कंपनियों में शुमार है. यह कंपनी अब अपने वेडबश तकनीकी क्षेत्र में 5 से 10 प्रतिशत कर्मचारियों की कटौती करने जा रहा है. आइये जानते हैं कि Microsoft कंपनी की शुरुआत किस तरह से हुई और ये दुनिया भर की बड़ी कंपनियों में कैसे शामिल हुई. जिसका दबदबा आज भी बना हुआ है.
ऐसे हुई Microsoft की स्थापना
बिल गेट्स जब स्कूल में पढ़ते थे तब उनकी मुलाकात उनसे तीन साल बड़े पॉल एलन से मुलाकात हुई. दोनों के बीच एक चीज कॉमन थी दोनों की ही कंप्यूटर में रुचि थी, जिसके कारण दोनों की खूब बनी. बिल गेट्स का तो बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का शौक था. उन्होंने तो बचपन में ही टिक-टेक-टोक प्रोग्राम को बनाया था, जिसका इस्तेमाल गेम खेलने के लिए किया जाता था. पॉल एलन और बिल गेट्स ने मिलकर 1975 में एर BASIC प्रोग्रामिंग लैंग्वेज interpreters की शुरुआत की, जिसका नाम उन्होंने Micro-soft रखा था.
ऐसे बना Micro-soft से Microsoft
Micro-soft नाम में से हायफन हटाकर Microsoft नाम 26 नवंबर 1976 में रजिस्टर किया गया. इस समय तक Microsoft का BASIC काफी पॉपुलर हो चुका था. लेकिन वह दूसरे सॉफ्टवेयर पर भी काम कर रहा था. 1 जनवरी 1979 में कंपनी पूरी तरह से वाशिंगटन में शिफ्ट हो गई. इस कंपनी को स्थापना Altir 8800 के लिए BASIC interpreters के विकसित करने और बेचने के लिए किया गया था.
दो साल की मेहनत के बाद रिलीज हुआ था पहला विंडोज
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के पहले वर्जन 1.0 को 20 नवंबर 1985 को लॉन्च किया गया था. यह MS-DOS इंस्टॉलेशन के ऊपर ग्राफिकल, 16 बाइट मल्टी टास्किंग शेल की तरह काम करता था. इससे पहले 1983 में लॉन्च किया गया था जो 1MB से भी कम था. इसे चलाने के लिए 256 KB RAM की जरूरत होती थी. इसके लॉन्च होने के बाद भी लोगों को इसे खरीदने के लिए करीब दो साल तक का इंतजार करना पड़ा था. इसके लॉन्च होते ही उसे लेने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के सामने कई कंपनियों की होड़ लग गई. माइक्रोसॉफ्ट ने 1987 में शेयर बाजार में एंट्री ली और 31 साल के बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर युवा अरबपति बन गए.
एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 सितंबर, 2022 के खत्म होने तक Microsoft का रेवेन्यू 203.075 बिलियन डॉलर (भारतीय रुपये में करीब 1.65 लाख करोड़ से अधिक) था. जिसमें साल-दर-साल में वृद्धि हुई है. 2022 के लिए Microsoft का वार्षिक राजस्व 198.27 बिलियन डॉलर (भारतीय रुपये में करीब 1.61 लाख करोड़ से अधिक) था, जो 2021 से 17.96% अधिक है.