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Time List: सिर्फ बिजनेस में ही नहीं, दान-पुण्य करने में भी Mukesh-Nita Ambani का नहीं कोई सानी, दुनिया के 100 परोपकारी लोगों में शामिल, Azim Premji और Nikhil Kamath को भी मिली जगह

TIME100 Philanthropy List: टाइम मैगजीन ने पहली बार दुनिया के टॉप 100 परोपकारियों की लिस्ट जारी की है. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी, विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी और जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ को शामिल किया गया है.

Nita Ambani and Mukesh Ambani (File Photo: PTI) Nita Ambani and Mukesh Ambani (File Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • टाइम मैगजीन की लिस्ट में भारत सहित 28 देशों के लोग हैं शामिल 

  • फुटबॉलर डेविड बेकहम, अरबपति वॉरेन बफेट भी लिस्ट में 

सिर्फ बिजनेस में ही नहीं, दान-पुण्य करने में भी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और नीता अंबानी (Nita Ambani) का कोई सानी नहीं है. टाइम मैगजीन (Time Magazine) ने पहली बार दुनिया के टॉप 100 परोपकारियों की लिस्ट जारी की है.

इस सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी का नाम भी शामिल है. अंबानी दंपती के अलावा विप्रो के पूर्व चेयरमैन अजीम प्रेमजी (Azim Premji) और जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ (Nikhil Kamath) को भी टाइम ने अपनी लिस्ट में जगह दी है.

लिस्ट को बांटा गया है चार कैटेगिरी में
टाइम मैगजीन ने TIME100 Philanthropy लिस्ट को दुनिया के सबसे प्रभावशाली परोपकारी व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए बनाया है. इस लिस्ट भारत सहित 28 देशों के लोग शामिल है. लिस्ट को कुल चार कैटेगिरी में बांटा गया है. पहली कैटेगिरी टाइटंस में दशकों से दान करने वाले लोगों के नामों को शामिल किया गया है.

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दूसरी कैटेगिरी में ऐसे लोग शामिल हैं, जिनका महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण जैसे सेक्टर में बड़ा योगदान हैं. तीसरी कैटेगिरी में ऐसे युवा या नए फिलैंथ्रोपिस्ट हैं, जो अनोखे तरीकों से समाज की समस्याएं सुलझा रहे हैं. चौथे और लास्ट कैटेगिरी में इनोवेटर्स को रखा गया है. ये वो लोग हैं, जो साइंस, टेक या बिजनेस मॉडल के जरिए समाज सेवा करते हैं. 

कौन-कौन मुख्य लोग हैं शामिल 
टाइटंस कैटेगिरी में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी, विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी, डेविड बेकहम और वॉरेन बफे जैसे नामों को शामिल किया गया है. लीडर्स कैटेगरी में भारत से कोई नहीं है. इसमें फोर्ड फाउंडेन के 10वें प्रेसिडेंट डेरेन वॉकर, चीनी एंटरप्रेन्योर जैक मा का नाम शामिल है. ट्रेलब्लेजर्स कैटेगरी में जिरोधा के फाउंडर निखिल कामथ, सिंथिया और जॉर्ज मिशेल फाउंडेशन की चेयरपर्सन कैथरीन लोरेंज शामिल हैं. इनोवेटर्स कैटेगरी में भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार और लेखक आनंद गिरिधरदास, डोनर्स ऑफ कलर नेटवर्क की को-फाउंडर हैली ली शामिल हैं. 

भारत के लिए गर्व की बात
TIME100 Philanthropy लिस्ट में मुकेश अंबानी, नीता अंबानी का नाम आना भारत के लिए गर्व की बात है. टाइम के मुताबिक यह सूची यह बताती है कि किस प्रकार उदार दानकर्ता और फाउंडेशनों व गैर-लाभकारी संस्थाओं के प्रमुख उन समुदायों को धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं, जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है. टाइम के मुताबिक मुकेश और नीता अंबानी ने रिलायंस फाउंडेशन के जरिए 2024 में 407 करोड़ रुपए (लगभग 48 मिलियन अमेरिकी डॉलर) दान किए थे. ऐसा कर मुकेश और नीता देश के सबसे बड़े दानवीरों में शामिल हो गए. 

रिलायंस फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करता है. टाइम की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस फाउंडेशन ने महामारी के समय देशभर में ऑक्सीजन, मेडिकल सप्लाई और वैक्सीन ड्राइव में बढ़-चढ़कर योगदान दिया था. अंबानी परिवार ने 10,000 से ज्यादा युवाओं को स्कॉलरशिप देकर शिक्षित किया है. 500 से अधिक स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाया और 20 अस्पतालों का निर्माण करवाया है. नीता अंबानी ने एक लाख से ज्यादा महिलाओं को को स्किल ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया है.

 टाइम मैगजीन ने अजीम प्रेमजी और निखिल कामथ के बारे में कही ये बातें
टाइम का अजीम प्रेमजी के बारे में कहना है कि ये इंडिया के सबसे उदार परोपकारी लोगों में से एक हैं. इन्होंने अपनी संपत्ति को भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में व्यवस्थित सुधार के लिए खर्च किया है. प्रेमजी 'गिविंग प्लेज' पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय थे. प्रेमजी ने साल 2013 में इस फाउंडेशन को अपनी कंपनी विप्रो के 29 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के शेयर दान में दिए थे.

टाइम की सूची में जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ भी शामिल हैं. वे 2023 में 36 साल की उम्र में गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय हैं. टाइम ने कहा, तब तक, उन्होंने पर्यावरण और शैक्षिक परियोजनाओं के लिए लाखों डॉलर दान कर दिए थे और अपनी खुद की पहल, यंग इंडिया फिलैंथ्रोपिक प्लेज (YIPP) शुरू की, जो 45 वर्ष से कम आयु के उन भारतीयों से अनुरोध करती है, जिनके पास 100 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की संपत्ति है, कि वे अपनी संपत्ति का कम से कम 25 प्रतिशत दान करें.