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लंदन, डबलिन जैसे शहरों को पीछे छोड़ अंडर-कंस्ट्रक्शन डेटा सेंटर में छठे नंबर पर पहुंचा भारत का यह शहर

ग्लोबल रैंकिंग के अलावा, मुंबई को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के स्थापित डेटा सेंटर बाजारों में 7वां स्थान मिला है.

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मुंबई ने ग्लोबल लेवल पर डेटा सेंटर निर्माण क्षमता के मामले में 97 शहरों में 6वां स्थान प्राप्त किया है, और इसने लंदन और डबलिन जैसे बड़े हब्स को पीछे छोड़ दिया है. यह जानकारी कुशमैन एंड वेकफील्ड की एक रिपोर्ट में दी गई है. इस रिपोर्ट में पुणे और बंगलुरु का नाम भी शामिल किया गया है, जिन्हें एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उभरते डेटा सेंटर हब्स में चौथा और पांचवां स्थान मिला है.

मुंबई की रैंक
ग्लोबल रैंकिंग के अलावा, मुंबई को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के स्थापित डेटा सेंटर बाजारों में 7वां स्थान मिला है. 2024 के अंत तक, शहर में 335 मेगावॉट (MW) की डेटा सेंटर निर्माण क्षमता थी, जो पूरी होने के बाद इसकी कुल ऑपरेशनल कैपेसिटी में 62% की बढ़ोतरी होगी. रिपोर्ट में यह बताया गया है कि डेटा सेंटर के विकास में बिजली की उपलब्धता, भूमि की उपलब्धता और बुनियादी ढांचे की भूमिका अहम है. 

ग्लोबल रैंकिंग (निर्माणाधीन क्षमता के अनुसार):

  • वर्जीनिया – 1,834 MW
  • अटलांटा – 1,078 MW
  • कोलंबस – 546 MW
  • डलास – 500 MW
  • फीनिक्स – 478 MW
  • मुंबई – 335 MW
  • ऑस्टिन/सैन एंटोनियो – 325 MW
  • रीनो – 305 MW
  • लंदन – 265 MW
  • डबलिन – 249 MW

कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट 'Global Data Center Market Comparison 2025' के अनुसार, मुंबई भारत की कुल निर्माणाधीन डेटा सेंटर क्षमता का 42% हिस्सा रखता है, जो इसे एक प्रमुख रीजनल हब के रूप में स्थापित करता है.

मुंबई में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के चलते डेटा सेंटर का विकास और तेज हुआ है. 2025 में मुंबई में तीन महत्वपूर्ण समुद्र के नीचे डेटा केबल प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की उम्मीद है, जिससे इसकी कनेक्टिविटी और भी मजबूत होगी.

पुणे और बंगलुरु की स्थिति:
पुणे, एशिया-पैसिफिक के टॉप उभरते डेटा सेंटर बाजारों में चौथे स्थान पर है. यहां हाइपरस्केल और एंटरप्राइज-ग्रेड कोलोकेशन फैसिलिटीज के लिए तेजी से निवेश हो रहा है. 2025 की पहली तिमाही तक, पुणे की परिचालन डेटा सेंटर क्षमता 112 आईटी मेगावॉट (IT MW) थी. बंगलुरु को पांचवां स्थान मिला है, और यह भी एक उभरता हुआ डेटा सेंटर हब बनता जा रहा है.

डेटा सेंटर मार्केट में बढ़ रही है मांग 
कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट बताती है कि क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्कलोड्स के बढ़ते दबाव के कारण वैश्विक डेटा सेंटर बाजारों में भारी मांग देखी जा रही है. 2024 में एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में 1.6 गीगावॉट (GW) नई कैपेसिटी शुरू की गई, जिससे इस क्षेत्र की कुल परिचालन क्षमता 12.2 GW हो गई. इसके अलावा 14.4 GW क्षमता अब निर्माणाधीन या योजना के तहत है. दुनिया के 30 सबसे बड़े डेटा सेंटर मार्केट्स में से 10 अब एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में हैं.