
वित्त वर्ष 2025 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है. जो लोग अब तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं, उन्हें जल्द से जल्द यह काम पूरा करना चाहिए. वहीं जिन्होंने समय पर ITR भर दिया है, उनकी सबसे बड़ी चिंता अब टैक्स रिफंड को लेकर है. अक्सर लोग उम्मीद करते हैं कि रिटर्न भरते ही कुछ हफ्तों में रिफंड मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता.
आयकर विभाग को रिफंड प्रोसेस करने का समय
कानून के अनुसार, आयकर विभाग के पास 9 महीने का समय होता है रिफंड प्रोसेस करने के लिए. यह समय उस वित्तीय वर्ष के खत्म होने के बाद से गिना जाता है, जिसके लिए आपने ITR फाइल किया है. हालांकि, सामान्य परिस्थितियों में 4 से 6 हफ्तों में रिफंड मिल जाता है. लेकिन अगर रिटर्न में कोई जटिलता हो या उसमें गलती हो, तो प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है.
रिफंड लेट होने की सबसे आम वजह है TDS मिसमैच
ITR रिफंड में देरी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है TDS (Tax Deducted at Source) का मिसमैच होना. कई बार टैक्सपेयर्स TDS डिटेल्स सही से अपडेट नहीं करते. कभी गलत फॉर्म भरने की वजह से भी दिक्कत आती है. अगर ITR में दी गई TDS जानकारी और Form 26AS के आंकड़े मेल नहीं खाते, तो विभाग रिफंड रोक देता है और आपको नोटिस भेज सकता है.
किस ITR को जल्दी प्रोसेस किया जाता है?
डेडलाइन के पास फाइलिंग से क्यों बढ़ती है दिक्कत?
अक्सर लोग आखिरी तारीख का इंतजार करते हैं और फिर एक साथ भारी संख्या में रिटर्न फाइल करते हैं. ऐसे में इनकम टैक्स सिस्टम पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे प्रोसेसिंग धीमी हो जाती है और रिफंड जारी होने में समय लग सकता है. इसलिए बेहतर है कि रिटर्न समय रहते फाइल करें.
अगर रिफंड लेट हो जाए तो क्या करें?
अगर आपने ITR फाइल कर दिया है लेकिन अभी तक रिफंड नहीं मिला है, तो आप ये कदम उठा सकते हैं.